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गंगा के जलस्तर बढ़ने से ग्रामीणों में दहशत




बैरिया (बलिया)। गोपालपुर ग्राम पंचायत की बस्तियों पर गंगा के बाढ़ के पानी का दबाव लगातार बढ़ता जा रहा है। जिसके चलते बाढ़ व कटान की आशंकाओं से ग्रामीण सहमे हुए हैं।
उल्लेखनीय है कि बैरिया तहसील अंतर्गत गोपालपुर ग्राम पंचायत के गोपालपुर, दुबे छपरा, उदयी छपरा तथा प्रसाद छपरा गांव के तरफ गंगा के बाढ़ के पानी का दबाव लगातार बढ़ता जा रहा है। नदी के किनारे लगभग आधा दर्जन ऐसे स्थान बन गए जहां से बाढ़ का पानी गोपालपुर, संत कमल दास की कुटिया के पीछे, हरिजन बस्ती तथा उदयी छपरा में कई जगहों से गंगा के बाढ़ का पानी आबादी में घुसने लगा। जहां बाढ़ विभाग ने मिट्टी से भरी बोरियां डलवा कर उन जगहों को सुरक्षित किया। ग्रामीणों के भय का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि बोरिया डालने में ग्रामीण भी मजदूरों का हाथ बंटाए। फिलहाल रविवार को मिट्टी की बोरियां डालने का काम बंद है, तथा बस्तियों में बाढ़ के पानी का प्रवेश भी रुका हुआ है। बावजूद ग्रामीणों में बाढ़ के पानी के बस्ती में प्रवेश करने व कटान शुरू होने का डर बना हुआ है।
गौरतलब है कि केंद्रीय जल आयोग शाखा गायघाट पर रविवार को सुबह 8 बजे गंगा का जलस्तर 57.560 मीटर दर्ज किया गया। साथ ही आधा सेंटीमीटर प्रति घंटा के दर से बढ़ाओ की भी बात बताई गई। कल शनिवार को सुबह 8 बजे गायघाट में गंगा का जलस्तर 57.2 20 मीटर दर्ज किया गया था। यानी 24 घंटे में गंगा का जलस्तर 34 सेंटीमीटर बड़ा है, और वर्तमान में बढ़ाव जारी भी है। गोपालपुर गंगा तट पर मौजूद प्रसाद छपरा के मुन्ना पांडे व जागरूक लोगों ने बताया कि यहां करोड़ों की लागत से बाढ़ कटान रोकने के लिए आधा अधूरा लगाया गया पारकोपाइन नाम मात्र का भी राहत नहीं दे सका। सरकार का पैसा व्यर्थ गया। लूट खसोट का शिकार हुआ। यहां लगा पारकोपाइन पूरी तरह से डूब गया है। उसके ऊपरी सिरे से 4-5 मीटर ऊपर गंगा का पानी बह रहा है तथा जहां पारकोपाइन लगा है, वहां से 25-30 मीटर आगे गांव की ओर गंगा के बाढ़ का पानी भर चुका है। ग्रामीणों ने बताया की गंगापुर से दुबे छपरा तक सबसे खतरनाक स्थिति है। इसके बीच की बस्तियां और आबादी डेंजर जोन के क्रिटिकल प्वाइंट पर हैं। अगर पिछले साल सितंबर माह की तरह गंगा का पानी बढा और इस बीच में बाढ़ का पानी बैकरोल किया तो इसके बीच के मैदान, बस्तियां तो नेस्तनाबूद होंगी ही, एनएच-31 के अस्तित्व को बचाना भी मुश्किल होगा।
इस बाबत बाढ़ खंड के एसडीओ कमलेश कुमार से मोबाइल पर जब पूछा गया तो उनका कहना था कि हम लोग बराबर नजर रखे हुए हैं। फिलहाल ऊपर से गंगा का पानी धीरे धीरे कम हो रहा है। अगर विषम परिस्थितियां सामने आती हैं तो उनसे निपटने के लिए हमारे पास पत्थर के बोल्डर व पर्याप्त संसाधन उपलब्ध है। गंगापुर और रामगढ़ में बंबोक्रेट तैयार कर डाला जाएगा। हमारा प्रयास रहेगा कि किसी भी तरह के धन जन की हानि ना हो।



रिपोर्ट : वी चौबे

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