स्वास्थ्य विभाग की उदासीनता की कीमत आखिरकार कब-तक जान देकर चुकाएं मरीज
नवागत अधीक्षक से लोगों की जगी उम्मीद
रसड़ा (बलिया) एक तरफ़ सरकार लोगों को स्वास्थ्य के पानी की तरह पैसा बहा रहीं हैं तो दूसरे स्वास्थ्य विभाग मरीजों के स्वास्थ्य की रक्षा के लिए कितना संवेदनशील है इसका सहज ही अनुमान रसड़ा स्वास्थ्य केंद्र के वर्तमान स्थिति को देखकर लगाया जा सकता है। इस महत्वपूर्ण अस्पताल की हालत यह है कि मरीजों को इलाज के नाम पर उनके जान से खिलवाड़ ही किया जा रहा है। वैसे तो यहां वर्षों से यहां एमडी व विषेषज्ञ चिकित्सकों की कमी रही है नतीजा यह हो रहा है कि लोग इलाज के लिए आ तो रहे हैं किंतु अच्छी चिकित्सा व्यवस्था का अभाव के आए दिन उन्हें मऊ, वाराणसी आदि को जाना पड़ रहा है और तो और इस महत्वपूर्ण अस्पताल पर कागजों में आक्सीजन हर समय उपलब्ध है मगर गंभीर मरीजों के समय खत्म का बहाना रहता है ।पिछले दिनों पूर्व मंत्री भतीजे को अगर समय रहते आक्सीजन मिल गया होता तो शायद आज युवक हमलोगो के बीच रहता और तो और यहां जितनी भी 108पुरानी एंबुलेंस है उसमें भी कागजों में ही है बग़ैर आक्सीजन धरातल पर एम्बुलेंस मगर दौड़ रही है यही वजह है कि उस दिन आक्सीजन के अभाव में समय पर इलाज न मिल पाने के कारण पूर्व मंत्री के भतीजे को रास्ते में अपनी जान भी गंवानी पड़ी । इसकी विकट समस्या से मुख्य चिकित्साधिकारी बलिया का ध्यान आकृष्ट कराया जाता है उदासीनता व लापरवाही का हाल बयां करने के लिए काफी हैं। यदि विभाग इस गंभीर समस्या का शीघ्र समाधान करने में असफल साबित होता है तो निश्चित रूप से यहां पर जन आंदोलन को लोग विवश होंगे जिसकी समस्त जिम्मेदारी शासन व प्रशासन की होगी। बताते चले कि यह अस्पताल रसड़ा क्षेत्र सहित गाजीपुर के आंशिक क्षेत्रों के अलावा रतनपुरा, पकवाइनार, चिकलहर के अतिरिक्त लाखों की आबादी वाले रसड़ा की स्वास्थ्य रक्षा करता चला आ रही है किंतु विभागीय उदासीनता व राजनीतिक पहल के अभाव में यह अस्पताल आज भी अपनी बदहाली पर आंसू बहाने को विवश है जो किसी भी सूरत में रसड़ा के लोगों व मरीजों के लिए ठीक नहीं है।
हालांकि पूरी खबर पर नवागत अधीक्षक पी-सी भारती को ध्यान आकृष्ट कराते हुए उनका पक्ष जानने की कोशिश किया।
तो उन्होंने संवाददाता को बताया कि अभी हम नये नये चार्ज लिया है पहले को तो नहीं जानता मगर अपने पैसे से दो आक्सीजन सिलिंडर रिफिलिंग करा कर रखें है। भविष्य में आक्सीजन के अभाव में किसी मरीज़ की जान नहीं जानें देंगे।
वहीं संवाददाता ने नाम नहीं लिखने की शर्त पर 108का चालक ने बताया कि हमलोगो की गाड़ी अच्छी स्थिति में नहीं है और नहीं इसमें आक्सीजन रहता है ।
रिपोर्ट : पिंटू सिंह
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