बदहाल और जर्जर सड़कें दर्द बांट रही है, स्लिप डिस्क की बढ़ रही बीमारी
रतसर (बलिया) सड़कों को गड्ढा मुक्त बनाने के अभियान चले पर सड़कों के जख्म दूर नही हो सके। बदहाल और जर्जर सड़के दर्द बांट रही है । जो हमदर्द होने का दावा कर रहे है वो गहरी नींद में है। क्षेत्र में देखे तो अधिकांश सम्पर्क मार्ग व मुख्य मार्ग जर्जर हो गए है। उन पर वाहन चलना तो दूर पैदल चलना भी दूभर है। रतसर - सुखपुरा नहर मार्ग जर्जर हालत में है जिन पर कई वर्षों से मरम्मत का कार्य नही कराया गया। नूरपुर से जनऊपुर मार्ग की हालत बहुत खराब है। इन पर पैदल चलना दूभर है। वही नूरपुर-आसन सम्पर्क मार्ग से धनौती सलेम गांव की हालत बयां करने लायक नही है।
स्लिप डिस्क की बढ रही बीमारी
गड्ढा और जर्जर सड़कों से बीमारियां पैदा हो रही है। सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र रतसर के प्रभारी डा०राकिफ अख्तर बताते है कि ऐसी सड़कों पर सबसे ज्यादा बीमारियां दो पहिया वाहन चालकों की होती है। जिसमें स्लिप डिस्क, लो बैक सर्वाइकल आदि बीमारियां हो जाती है। दोपहिया वाहनों पर सीधे झटके लगते है।
इस बावत स्वतन्त्र प्रभार राज्यमन्त्री उपेन्द्र तिवारी के पूर्व मीडिया प्रभारी राकेश चौबे ने बताया कि वैश्विक महामारी कोरोना के चलते कार्य में विलम्ब हुआ है। जल्द ही क्षेत्र की तमाम सड़कों का कायाकल्प कराया जाएगा, साथ ही उन्होनें बताया कि जनता से जुड़ी जो भी मूलभूत समस्याएं है उन्हें प्राथमिकता के आधार पर हमारी सरकार कराने के लिए दृढ संकल्पित है।
रिपोर्ट : धनेश पाण्डेय
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