मुख्यमंत्री के सपनों को गुरुजी लगा रहे पलिता लाखों रुपए का कार्यदाई संस्था ने किया बंटर बांट
रसड़ा (बलिया) एक तरफ़ शासन परिषदीय विद्यालयों में शिक्षा व्यवस्था चुस्त दुरुस्त बनाने के लिए अनेकानेक योजनाएं संचालित कर उसे सृढ़ड बनाने की दिशा में प्रयासरत है वहीं शिक्षा विभाग के अधिकारियों व शिक्षकों की लापरवाही व उदासीन पूर्ण रवैये के चलते परिषदीय विद्यालयों की स्थति बलिया में ठीक नहीं है । सरकार परिषदीय स्कूलों के छात्रों के लिए निःशुल्क भोजन,पुस्तक, यूनिफार्म आदि उपलब्ध करा रही है साथ ही विद्यालय को कांवेन्ट स्कूलों की तरह चकाचक रखने के लिए रंगाई पुताई सफाई एवं किचन गार्डन पर भी भारी भरकम धनराशि खर्च कर रही है देखा जाए तो शिक्षा पर पानी की तरह पैसा बहा रहीं ताकि सबका साथ सबका विकास संभव हो लेकिन सरकार के करिंदे यानि कि शिक्षक ही सरकार की मंशा पर पानी फेरते नजर आ रहे है ।
इसका प्रत्यक्ष प्रमाण शिक्षा क्षेत्र रसड़ा के प्राथमिक विद्यालय अमहर पट्टी दक्षिण, प्राथमिक विद्यालय मनिहा , प्राथमिक विद्यालय सिपहा में देख सकते हैं।
सरकार द्वारा रंगाई पुताई के लिए विद्यालयों को 25 हजार तथा 50 हजार रूपए की धनराशि अवमुक्त की गई है। इसमें दस फीसदी स्वच्छता पर खर्च करना है।
साथ ही किचन गार्डन के मद में 15 हजार रुपए अवमुक्त की गई है। सरकार की सोच है कि इस कोरोना संकट काल में भी विद्यालय साफ सुथरा दिखाई दे। सरकार द्वारा विद्यालयों को धन अवमुक्त करने के बाद भी वर्षों से एक ही स्कूल पर जमें जिम्मेदार प्रधानाध्यापक , अध्यापिका विद्यालयों में रंगाई पुताई साफ सफाई तो दूर स्कूलों के ताला नहीं खुल रहें है। ऐसा ही अमहर पट्टी दक्षिण व प्राथमिक विद्यालय व प्राथमिक विद्यालय सिपहा में देखने को मिला ग्रामीणों ने आरोप लगाया सबसे आश्चर्यजनक पहलू ये है कि गुरुजी रंगाई पुताई और साफ सफाई के लिए आए पैसे के बंदरबांट में जी जान से जुट गए है। ऐसे में प्रश्न खड़ा होता है कि इस परिस्थिति में जब सरकार परिषदीय विद्यालयों के लिए लाखो रुपए खर्च कर रही है, तब गुरु जी की मंशा ही विद्यालय के प्रति साफ नहीं है तो परिषदीय विद्यालयों की स्थिति में सुधार कैसे होगा।
प्रदेश सरकार द्वारा परिषदीय विद्यालयों में किचन गार्डन स्थापित करने के लिए 15 हजार रूपए की धनराशि विद्यालयों को भेज दी गई है लेकिन जनपद में एक दो विद्यालयों को छोड़ दिया जाए तो कोरोना काल का फायदा उठाते हुए प्रधानाध्यापकों द्वारा कही भी किचन गार्डन स्थापित नहीं किया गया है। विभाग द्वारा भी विद्यालयों की रंगाई पुताई, साफ सफाई तथा किचन गार्डन स्थापित किए जाने के सम्बन्ध में कोई जांच पड़ताल नही की जा रही है। वहीं सजपा के जिला अध्यक्ष बलवंतसिंह सिंह ने आरोप लगाया कि सरकार जो पैसे परिषदीय विद्यालयों के विकास के लिए दे रही है, सरकार को किसी उच्चाधिकारी से उन पैसों के सदुपयोग की जांच करानी चाहिए। तभी दूध का दूध और पानी का पानी होगा।
बताते चलें कि बलिया जिले के रसड़ा शिक्षा क्षेत्र में 174प्राथमिक व 47 पूर्व माध्यमिक विद्यालय है ।
सरकार को सपनों को साकार कागजों पर होता देख धरातल से अखण्ड भारत न्यूज़ संवाददाता ने प्राथमिक विद्यालय अमहर , प्राथमिक विद्यालय सिपहा प्राथमिक विद्यालय माधोपुर प्राथमिक विद्यालय मनिहा स्कूलों को रियालटी चेक किया
मगर जिम्मेदार शिक्षक 10 बजे तक स्कूलों पर समय से नहीं पहुंचे थे।
लिहाजा अखण्ड भारत न्यूज़ संवाददाता ने खण्ड शिक्षा अधिकारी सहित बलिया बेसिक शिक्षा अधिकारी शिव नारायण सिंह से दूरभाष पर सम्पर्क कर ध्यान आकृष्ट कराना चाहा दोनों अधिकारी का मोबाइल बजता रहा मगर हुजूर ने रिसीव करने की जहमत नहीं उठाई वहीं किचन गार्डन के नाम पर कार्यदायी संस्था ने केवल रसड़ा शिक्षा क्षेत्र से 50 प्रतिशत ही स्कूलो पर किचन गार्डन के नाम पर 15 लाख रुपए का वारा-न्यारा किया है। खबर के माध्यम से देखना है कि हुजूर गहरी निंद्रा से कबतक जागते हैं या सरकार के सपनों को पलिता लगाने में गुरु जी के साथ साथ शामिल बाजा बजाते हैं।
रिपोर्ट : पिन्टू सिंह
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