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नागाजी सरस्वती विद्या मन्दिर में भव्यता के साथ मनाई गई राष्ट्र ऋषि दत्तोपंत ठेंगड़ी जी की जन्म शताब्दी



बलिया । राष्ट्र ऋषि दत्तोपंत ठेंगड़ी मनुष्य के रूप में देव शक्ति के पुंज थे।शास्त्रो मे ब्रहम ऋषि, राज ऋषि का वर्णन आया है।इससे इतर वह राष्ट्र ऋषि थे।उनका पूरा जीवन राष्ट्र को समर्पित था। यह उद्गार बलिया के सांसद वीरेंद्र सिंह मस्त के हैं जो भोजापुर में अवस्थित नागाजी सरस्वती विद्या मंदिर राष्ट्र ऋषि दत्तोपंत ठेंगड़ी के जन्म शताब्दी समारोह को बतौर मुख्य अतिथि मंगलवार को संबोधित कर रहे थे।


उन्होंने कहा कि जिस समय देश मे  वामपंथ की चरम आंधी थी। उस समय केरल और बंगाल में आरएसएस को स्थापित कर सामाजिक क्षेत्र में काम किया था।भारतीय किसान संघ,भारतीय मजदूर संघ, स्वदेशी जागरण मंच जैसे संगठनों को खड़ा कर समाज में बनाने के लिए सार्थक प्रयास किया था। वामपंथियों के दबाव में कांग्रेस ने बैंकों व उद्योगों का राष्ट्रीयकरण किया था। उस समय ठेकड़ी जी ने इसका पुरजोर विरोध किया था।और कहां था यह निर्णय  भविष्य के लिए घातक होगा।बल्कि उद्योग और बैंक में मजदूरीकरण व साझेदारी करण होना चाहिए।ठेगड़ी जी के मशां के अनुसार ही हमारी सरकार काम कर रही है।इसके चलते पूरे संसार मे भारत का कद बढ़ा है।



मुझे राष्ट्र ऋषि के सानिध्य मे  कार्य करने का मौका मिला था।मुझे यह कहने मे गर्व महसूस हो रहा है।ठेगड़ी जी जैसा व्यक्ति हाजारो वर्ष मे कोई एक पैदा होता है।उन्होने अपने सम्बोधन मे ठेगड़ी जी के कई संस्मरणों की चर्चा की।


विशिष्ट अतिथि भारतीय किसान संघ के पूर्व प्रदेश मंत्री जयप्रकाश नारायण सिंह ने अपने सम्बोधन मे ठेगड़ी जी के बाल्यकाल से लेकर  सामाजिक कार्यो की विस्तृत चर्चा की।


इससे पूर्व मुख्य अतिथि द्वारा दीप प्रज्वलित कर कार्यक्रम का शुभारम्भ किया गया।इस अवसर पर विद्यालय परिवार द्वारा अतिथियो को अंग वस्त्रम् व स्मृति चिन्ह से सम्मानित किया गया।इस अवसर पर प्रबन्धक जगदीश सिंह,अक्षय कुमार ठाकुर,प्रधानाचार्य राजेन्द्र पाण्डेय,सम्भाग निरीक्षक कन्हैया चौबे,डा प्रदीप कुमार श्रीवास्तव,अनिल पाण्डेय,मनोज तिवारी,अमित पाण्डेय,संजय सिंह,श्याम सुन्दर उपाध्याय,धर्मवीर उपाध्याय,श्रीभगवान यादव,डा दिवाकर तिवारी मौजूद रहे।अध्यक्षता आरएसएस के विभाग प्रचारक श्रीप्रकाश जी व सचांलन आदित्य पराशर ने किया।


रिपोर्ट : धीरज सिंह




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