एक मार्च से आन लाइन लगेगी होमगार्डों की ड्यूटी
लखनऊ। यूपी के सभी होमगार्डों की हाजिरी और मस्टररोल का सत्यापन अब मार्च से ऑनलाइन होने लगेगा। इस नई व्यवस्था से अब अधिकारी इन होमगार्ड की हाजिरी और मस्टररोल के सत्यापन में फर्जीवाड़ा नहीं कर सकेंगे। मस्टर रोल घोटाले के सामने आने पर सीएम ने इस सम्बन्ध में नई व्यवस्था करने को कहा था। इस घोटाले में जिला कमाण्डेंट कृपाशंकर को बर्खास्त करने के अलावा एक दर्जन से ज्यादा कर्मचारी निलम्बित किये गये थे।
अपर मुख्य सचिव होमगार्ड अनिल कुमार ने होमगार्ड मुख्यालय में आयोजित समीक्षा बैठक में इस नई व्यवस्था को मार्च से पूरे प्रदेश में लागू करने के निर्देश दिए। इसकी जिम्मेदारी नेशनल इंफार्मेटिक सेंटर (एनआईसी) को दी गई है। एनआईसी ने करीब 75 फीसदी काम पूरा कर लिया है। बैठक में शामिल डीजी होमगार्ड विजय कुमार, डीआईजी, मण्डलीय और जिला कमाण्डेन्ट को एनआईसी की तकनीकी निदेशक संगीता मनीष व उनकी टीम द्वारा प्रशिक्षण भी दिया गया।
ड्यूटी स्थल प्रभारी ऑनलाइन दर्ज करेंगे
होमगार्ड मुख्यालय के डीआईजी रणजीत सिंह बताते हैं कि होमगार्डों की हाजिरी और मस्टररोल के सत्यापन की जिम्मेदारी थाना-कोतवाली, तहसील, कलेक्ट्रेट या अन्य ड्यूटी स्थल के प्रभारियों की होगी। यह सभी होमगार्डों की हाजिरी रोजाना ऑन लाइन लगाएंगे। सूबे के सभी 75 जिलों में इन प्रभारियों का लॉगिन आईडी और पासवर्ड बन गया है। यह अधिकारी अपने मातहत अधिकारी को नोडल यूजर प्रभारी के तौर पर नामित कर सकते हैं। महीना पूरा होने पर इनके मस्टररोल को भी ऑनलाइन सत्यापित करेंगे। जिला कमांडेंट के नेतृत्व में गठित पर्वेक्षक कमेटी इनकी पड़ताल करेगी। इसके बाद कमाण्डेन्ट की संस्तुति के बाद इनका भुगतान होगा। पर्वेक्षक कमेटी में हलवदार, ब्लॉक ऑर्गनाइजर, प्लाटून कमांडर और इंस्पेक्टर होंगे।
अनुपस्थित होने पर मैसेज आएगा
डीआईजी रणजीत सिंह बताते हैं कि कोई भी होमगार्ड यदि अनुपस्थित होता है। उसके मोबाइल में तुरन्त अलर्ट मैसेज आएगा। यदि होमगार्ड ड्यूटी स्थल होते हुए भी प्रभारी ने उसे अनुपस्थित कर दिया है, तो वह जिला कमांडेंट को प्रार्थना पत्र और ड्यूटी पर उपस्थित होने का साक्ष्य दे। जांच में होमगार्ड की बात सही पर उसे उस दिन का भुगतान मिलेगा।
कमांडेट समेत दर्जन भर पर हुई थी कार्रवाई
दो साल पहले लखनऊ और नोयडा समेत कई जिलों में दैनिक भत्ते के लाखों रुपये के घोटाले में लखनऊ के जिला कमाण्डेन्ट शंकर पांडेय समेत दर्जन अधिकरियों व कर्मचारियों के खिलाफ कार्रवाई हुई थी। सभी को निलंबित कर दिया गया था और इन लोगों को इस मामले में जेल भी जाना पड़ा था। पुलिस की जाँच में दोषी पाए जाने पर मुख्यमंत्री ने कमाण्डेन्ट कृपा शंकर पांडेय को सेवा से बर्खास्त किया था।
डेस्क
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