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जब डाक्टरों ने खड़े किए हाथ तब मां के प्रसाद ने दिखाया चमत्कार

  



बलिया: इसे चमत्कार करें या मां काली की कृपा, लेकिन हैं हकीकत तभी तो उत्तर प्रदेश के बलिया  जनपद के चिलकहर ब्लॉक के मलकौली गांव निवासी श्रवण कुमार की आठ वर्षीय बेटी सालू अपनी जिंदगी हंसी खुशी जी रहीं हैं. जबकि डाक्टरों ने उसे ब्रेन कैंसर का मरीज बता कर कुछ ही दिनों का मेहमान बताया था. लेकिन पकड़ी धाम स्थित मां काली के प्रसाद और पुजारी रामबदन भगत द्वारा दी गई जड़ी बूटियों के सेवन से उसके सिर में होने वाला दर्द जाता रहा.



अपनी व्यथा सुनाते हुए सालू की माँ संगीता देवी बताती हैं कि डेढ़ वर्ष पूर्व उनकी बेटी को अचानक सिर में दर्द हुआ. शुरुआती दिनों में तो उन्होंने इसे हल्के में लिया और पहले इलाकाई फिर बलिया जिला अस्पताल के डॉक्टरों से उपचार कराया, लेकिन बीमारी ठीक होने की बजाए लगातार बढ़ती जा रही थी. 



इसके बाद उन्होंने दर्द के उपचार के लिए बलिया और फिर बीएचयू के प्रसिद्ध न्यूरो सर्जन तक से उपचार कराया, लेकिन कोई लाभ नहीं हुआ. उम्मीद की किरण तो तब धूमिल होती दिखी जब डॉक्टरों  ने कहा कि  यह बीमारी सालू के जीवन का अंत कर देगी. इसी दौरान उन्हें  किसी ने पकड़ी धाम स्थित मां काली मंदिर की महिमा के बारे में बताया और वहां जाकर मां की स्तुति करने की सलाह दी.


 मरता क्या न करता की तर्ज पर संगीता बेटी को लेकर पकड़ी धाम स्थित काली मंदिर पहुंची और मंदिर के पुजारी और मां काली के अनन्य उपासक रामबदन भगत से अपनी समस्या बताई. उनकी व्यथा सुन पुजारी ने पहले उन्हें मां का प्रसाद दिया और फिर मां से अपनी अर्जी लगाने और औषधियों के नियमित सेवन की बात कही. संगीता बताती हैं कि इसके बाद मानों चमत्कार सा हुआ, बेटी की जिस पीड़ा के निदान के लिए वह बलिया समेत तमाम बड़े शहरों के डॉक्टरों के यहां चक्कर लगाई और निराश होकर लौट आए वह पकड़ी धाम स्थित मां काली के मंदिर में आते ही छूमंतर हो गया.



 

डेस्क

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