यूपी में पंचायत चुनाव की आरक्षण अधिसूचना जारी, लागू होगा रोटेशन रिजर्वेशन
लखनऊ: उत्तर प्रदेश पंचायत आरक्षण मामले पर पंचायती राज विभाग ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर यूपी में होने वाले आगामी पंचायत चुनाव को लेकर आरक्षण अधिसूचना जारी कर दी है। अपर मुख्य सचिव मनोज कुमार सिंह ने अधिसूचना को लेकर जानकारी देते हुए बताया कि 826 ब्लॉक , 58194 ग्राम पंचायतों में वॉर्डों की संख्या का गठन हो चुका है। पंचायत चुनाव में रोटेशन रिजर्वेशन लागू किया जाएगा, पिछले 5 निर्वाचन में हुए आरक्षण का संज्ञान लिया जाएगा।
सिंह ने कहा कि जो पद पहले कभी आरक्षित नहीं हुए, उन्हें वरीयता दी जाएगी। उन्होंने कहा, 'एससी, ओबीसी, महिला के क्रम में पिछले निर्वाचन को देखते हुए आरक्षण लागू किया जाएगा। शुक्रवार को जिला पंचायत अध्यक्षों और ब्लॉक प्रमुखों के पदों का आरक्षण ज़ारी किया जाएगा। इसके अलावा जिले स्तर पर ग्राम पंचायतों का आरक्षण ज़ारी किया जाएगा।'
पंचायत निर्वाचन-2021 में अनुसूचित जाति व पिछड़े वर्ग की सर्वाधिक आबादी वाले जिला, क्षेत्र व ग्राम पंचायतों को रोटेशन में आरक्षित किया जाएगा, लेकिन 1995, 2000, 2005, 2010 व 2015 में जो पंचायतें अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित थी, वे इस बार इस वर्ग के लिए आवंटित नहीं की जाएंगी। जो पिछड़े वर्गों के लिए आरक्षित रह चुकी हैं, उन्हें पिछड़े वर्गों के लिए आरक्षित नहीं किया जाएगा। उनमें जनसंख्या के अवरोही क्रम (घटते हुए क्रम में) में अगले स्टेज पर आने वाली जिला, क्षेत्र या ग्राम पंचायत से आरक्षण शुरू किया जाएगा।
कैसे होगा आरक्षण... ऐसे समझिये
मान लीजिए जिला पंचायत में अध्यक्ष पदों का आरक्षण होना है। इसके लिए जिला पंचायतों को एससी की आबादी के प्रतिशत के आधार पर अवरोही (घटते क्रम में) क्रम में सूचीबद्ध किया जाएगा। पिछले पांच चुनावों में जो जिला पंचायतें एससी के लिए आवंटित नहीं हुई हैं, उन्हें सबसे पहले निर्धारित संख्या में एससी महिला के लिए आरक्षित कर दिया जाएगा। एससी के पदों का आवंटन शेष रहने पर अनुसूचित जाति की संख्या के अवरोही क्रम में उन जिला पंचायतों को आरक्षित किया जाएगा जो 2015 में एससी के लिए आरक्षित नहीं थीं।
पिछड़ी जाति के जिला पंचायत अध्यक्ष पदों के आरक्षण के लिए एससी के लिए रिजर्व की गईं जिला पंचायतों को हटाते हुए शेष को पिछड़ी जातियों की आबादी के प्रतिशत में अवरोही क्रम में लगाया जाएगा। सबसे पहले उन जिला पंचायतों को ओबीसी के लिए आरक्षित किया जाएगा जो कभी इस वर्ग के लिए आरक्षित नहीं रही है। शेष क्रम एससी आरक्षण की तरह ही चलेगा।
यह है आरक्षण का रोटेशन
अनुसूचित जनजाति की महिलाएं, अनुसूचित जनजातियां, अनुसूचित जाति की महिलाएं, अनुसूचित जातियां, पिछड़े वर्ग की महिलाएं, पिछड़ा वर्ग और महिलाएं।
जिला पंचायत अध्यक्ष...
16 एससी, 20 ओबीसी और 25 महिलाएं चुनी जाएंगी
75 जिला पंचायतों में मात्र 0.57 फीसदी आबादी के चलते एसटी वर्ग के लिए कोई अध्यक्ष पद आरक्षित नहीं रहेगा।
एससी के लिए 16 और पिछड़ी जाति के लिए 20 जिला पंचायत अध्यक्ष आरक्षित रहेंगे।
33 फीसदी आरक्षण के कारण 25 महिलाएं जिला पंचायत अध्यक्ष चुनी जाएंगी।
वर्ग प्रधान पद ब्लॉक प्रमुख
कुल पद 58,194 826
ओबीसी 15172 223
एससी 12045 171
एसटी 330 5
आरक्षण व्यवस्था पर होगा खास ध्यान
प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान कई बड़ी बातें कहीं गईं। बताया गया कि पिछले पांच चुनावों के वह पद किसके लिए आरक्षित था उसका संज्ञान लिया जाएगा। जिला पंचायत अध्यक्ष एवं वार्ड मेंबर क्षेत्र पंचायत के सदस्य ग्राम प्रधान एवं उनके सदस्य सभी के सीटों का निर्धारण किया जा चुका है। इस शासनादेश में उनके आरक्षण आवंटन की व्यवस्था घोषित की गई है। 2015 में आरक्षण की जो स्थिति है वह 2021 में नहीं होगी। जो पद शेड्यूल कास्ट या फिर शेड्यूल कास्ट महिला के लिए हैं, वे अनारक्षित व ओबीसी हो सकते हैं। कोई भी ऐसा पद जो आज तक शेड्यूल कास्ट के लिए आरक्षित नहीं किया गया है वह शेड्यूल कास्ट के लिए आरक्षित होगा। जैसे जिला पंचायत का कोई अध्यक्ष पद नहीं आरक्षित रहा है, वह आरक्षित हो सकता है फिर इसी तरह यह देखा जाएगा कि कोई ऐसा पद जो ओबीसी के लिए आरक्षित नहीं हुआ है वह ओबीसी के लिए आरक्षित होगा, फिर इसी तरह महिला आरक्षण को भी देखा जाएगा और इसी तरह से क्रम में आरक्षित किया जाएंगे।
6 दिन में दर्ज करानी होगी आपत्ति
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डेस्क
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