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कालाजार को दूर भगाने के लिए स्वास्थ्य विभाग सजग

 


रिपोर्ट : धीरज सिंह

बलिया : राष्ट्रीय कालाजार उन्मूलन कार्यक्रम के अंतर्गत संक्रामक रोग कालाजार को दूर भगाने के लिए स्वास्थ्य विभाग पूर्ण रूप से सजग है। जिले में कालाजार रोधी सिंथेटिक पायराथ्राईड का छिड़काव 15 फरवरी से किया जा रहा है| इस कार्यकम के तहत कालाजार को दूर भगाने के लिए ग्रामीण इलाके के मिट्टी के घरों में पनपने वाली सफेद मक्खी जिसे बालू मक्खी के नाम से भी जाना जाता हैं, को खत्म किया जा सकेगा|

कार्यवाहक जिला मलेरिया अधिकारी नीलोत्पल कुमार ने बताया कि जनपद में वर्ष 2020 में कालाजार के 21 रोगी पाए गये थे जिसमें 12 कालाजार के और 9 पोस्ट कालाजार के मरीज थे। उन्होने बताया कि कालाजार एक जानलेवा रोग है जो कि बालू मक्खी के काटने से फैलता है। अक्सर यह ग्रामीण क्षेत्रों में मकान के दरारों में पायी जाती है| इससे बचाव के लिए घर के आसपास साफ़-सफाई का ध्यान रखकर एवं मच्छरदानी का प्रयोग कर इस रोग से बचा जा सकता है| छिड़काव का कार्य जनपद के 12 ब्लॉकों मुरली छपरा ,कोटवा ,रेवती, हनुमानगंज दुबहर, सियर, सोहाव, चिलकहर, मनियर, बेलहरी, बेरूआरबारी, बांसडीह में किया जा रहा है जो कि कालाजार से प्रभावित हैं| 

उन्होने बताया कि किसी व्यक्ति को 15 दिन से अधिक बुखार आना, भूख नही लगाना, खून की कमी, वजन घटाना, त्वचा का रंग काला होना आदि कालाजार के लक्षण हो सकते हैं। वहीं इसका सबसे मुख्य लक्षण त्वचा पर धब्बा बनना है| यदि किसी व्यक्ति में उपयुक्त लक्षण दिखाई देता है तो तत्काल अपने नजदीक के प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र पर जांच करायें । समस्त सरकारी चिकित्सालयों पर इसका इलाज नि:शुल्क किया जा रहा है| उन्होंने बताया कि यह बीमारी एक बार ठीक होने से लापरवाही न करें क्योंकि यह बीमारी एक बार ठीक होने पर दोबारा से शुरू हो सकती है इसलिए चिकित्सक की सलाह बेहद जरूरी है|

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