प्रतिभा उम्र की माहताज नहीं होती, आठ वर्षीय सिंगर बिट्टू सरगम ने लूटी महफिल
रिपोर्ट : धीरज सिंह
बलिया। किसी ने सच ही कहा है कि प्रतिभा उम्र की माहताज नहीं होती। जिसे सच कर दिखाया है जिले के शिवरामपुर संवरुबांध नई बस्ती गांव निवासी आठ वर्षीय सिंगर बिट्टू सरगम ने। नहीं सी उम्र में लोक धुनों के अनोखा संयोजन बिट्टू की गायकी में स्पष्ट झलकती है। जिसके दीवाने आम और खास दोनों तबके के लोग है। बीते सोमवार की रात फेफना थाना क्षेत्र के हृदयचक पकड़ी गांव में आयोजित संत रविदास पूजा के दौरान आयोजित सांस्कृतिक कार्यक्रम में विट्टू सरगम ने अपनी गायकी से न सिर्फ महफिल लूटी बल्कि खूब वाहवाही भी बटोरी। सरगम की प्रस्तुति से प्रभावित कार्यक्रम में उपस्थित पकड़ी काली मंदिर के पुजारी रामबदन भगत ने उसके आगे बढ़ने की कामना की है। अखिलेश भारती और रानी देवी की संतान सबसे बड़ी संतान सरगम को बचपन से ही गाने का शौक रहा है। हांलाकि इसके अलावा वह पढ़ाई से मुहं नहीं मोड़ता और अपनी मेहनत और लगन से कक्षा तीन में पढ़ रहा है। उसका सपना है कि वह बड़ा होकर भोजपुरी लोकगायकी का स्टार सिंगर बनें। इसके लिए वह कड़ी मेहनत करने से परहेज नहीं करेगा। वह बताता है कि उसने संगीत की प्रारंभिक शिक्षा अपने बाबा ददन राम से ली है।
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