मधुमेह पीड़ित करा सकते हैं कोविड टीकाकरण, कोई प्रतिकूल प्रभाव नहीं
- तेज बुखार वालों, बच्चों, और गर्भवती को टीका के लिए मनाही
- माहवारी के दौरान और धात्री महिलाएं लगवा सकती हैं टीका
- गंभीर बीमारी से ग्रसित हों तो चिकित्सक के परामर्श पर ही कराएं टीकाकरण
बलिया : कोविड टीकाकरण के संबंध में कई प्रकार की आशंकाएं लोगों के मन में उठ रही हैं । इनके पीछे कुछ भ्रांतियां भी कारक हैं । इन आशंकाओं और भ्रांतियों के संबंध में जिला सर्विलांस अधिकारी ड़ॉ० हरिनन्दन प्रसाद का कहना है कि मधुमेह के साथ टीकाकरण करवाने से कोई प्रतिकूल प्रभाव नहीं पड़ता है। मधुमेह के रोगियों को कोविड का टीका निःसंकोच लगवाना चाहिए । केवल तेज बुखार वालों, बच्चों और गर्भवती को टीका नहीं लगवाना है। माहवारी के दौरान महिलाएं टीका लगवा सकती हैं। यहां तक कि धात्री महिलाओं को भी टीका लगाने का दिशा-निर्देश है। टीका लगवाने के बाद भी स्तनपान जारी रखना है। जो लोग हृदय और कैंसर जैसी गंभीर बीमारियों से पीड़ित हैं उन्हें अपने चिकित्सक के परामर्श के बाद ही टीका लगवाना है।
डॉ हरिनन्दन ने कहा - वह स्वयं मधुमेह से ग्रसित हैं। कोविड टीके की दोनों डोज लेने के बाद एक मधुमेह रोगी के तौर पर उन्होंने कोई परेशानी महसूस नहीं हुई। कोविड टीका लगवाने के बाद कुछ लोगों को बुखार आता है, जो कि टीके की सामान्य प्रवृत्ति है और इससे घबराना नहीं चाहिए। अगर टीका लगवाने के बाद बुखार आ रहा है तो चिकित्सक की सलाह पर दवा ले सकते हैं।
उन्होने बताया - टीका लगवाने के बाद कोविड नियमों का सख्ती से पालन करें। लगातार देखा जा रहा है कि टीके की दोनों डोज ले चुके लोग भले ही कोविड पॉजिटिव हो रहे हैं लेकिन उनमें जटिलताएं कम देखने को मिल रही हैं और ऐसे लोग स्वस्थ भी हो जा रहे हैं। इसका आशय यह नहीं है कि टीका लगवाने के बाद लापरवाही बरती जा सकती है। ऐसा करने वाले अपने परिवार के साथ-साथ करीबियों के बीच कोविड का प्रसार कर सकते हैं। सावधानी न बरतने पर घर के बच्चे भी कोविड से प्रभावित हो सकते हैं, इसलिए टीकाकरण के बाद भी कोविड प्रोटोकॉल का पालन अवश्य करें।
रिपोर्ट : धीरज सिंह
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