आजादी का अमृत महोत्सव:किसान महाविद्यालय रकसा में स्वतंत्रता संग्राम सेनानी स्मारक स्तंभ का हुआ शिलान्यास
रतसर (बलिया) किसान स्नातकोत्तर महाविद्यालय रकसा के सभागार में शनिवार को महा
विद्यालय में गठित बौद्धिक संपदा अधिकार प्रकोष्ठ एवं अमृत महोत्सव आयोजन समिति के संयुक्त तत्वाधान में आजादी का अमृत महोत्सव कार्यक्रम का आयोजन किया गया। कार्यक्रम का शुभारंभ मां भारती व सरस्वती जी के छाया चित्र पर पुष्पार्चन व दीप प्रज्वलित कर हुआ। बौद्धिक संपदा अधिकार प्रकोष्ठ के समन्वयक एवं कार्यक्रम के मुख्य अतिथि डा० अभय नाथ सिंह ने संबंधित विषय के औचित्य पर प्रकाश डालते हुए कहा कि भारत की स्वाधीनता के 75 वर्ष में हम सभी भारतीयों को विचार विमर्श करने की आवश्यकता है उन्होंने कहा कि आजादी के 75 वर्षों में हमने क्या खोया और क्या पाया। उन्होंने मुख्य रूप से मानवीय संवेदना की व्यापकता पर चर्चा करते हुए मानवता भाव को अमल करने की बात कही । मुख्य अतिथि ने स्वतंत्रता संग्राम की बलिवेदी में आहुति देने वाले अमर शहीदों का नमन करते हुए अपने उद्बोधन में कहा कि आजादी के 75 वर्षों में जहां तक देश को खोने की बात है तो उसकी सूची बहुत लंबी है। आज की शिक्षा समिति पर आधारित है। कृति से बहुत दूर हो गई है। भारत की दुर्दशा का मूल कारण मानक का बदलना है। हमारी प्राचीन शिक्षा मूल्यों पर आधारित थी शिक्षित होने के लिए पहले भारत में साक्षर होना जरूरी नहीं था। जबकि आज साक्षरता को ही शिक्षित होने की संज्ञा दी जा रही है। इस अवसर पर स्वतंत्रता संग्राम में अपनी भूमिका का निर्वहन करने वाले बागी बलिया के स्वतंत्रता संग्राम सेनानी स्मारक स्तंभ का शिलान्यास मुख्य अतिथि के कर कमलों द्वारा एवं श्री प्रकाश जी विभाग प्रचारक बलिया की गरिमामय उपस्थिति में संपन्न हुआ।
कार्यक्रम में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सम्मानित पदाधिकारी व सदस्यगण, महाविद्यालय के शिक्षकगण, शिक्षणेत्तर कर्मचारीगण तथा छात्र/ छात्राएं उपस्थित रहे।
रिपोर्ट : धनेश पाण्डेय
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