जलकुंभी के फल के सेवन से ठीक हुआ कैंसर, जाने कहाँ हुआ यह चमत्कार
बलिया। इसे चमत्कार करें या मां काली की कृपा, लेकिन हैं हकीकत तभी तो वाराणसी के बालाजी कालोनी भगवानपुर लंका निवासी संतोष कुमार पांडेय की पत्नी प्रेमलता पांडेय को जब मेडिकल साइंस में निराश किया तो महज मां काली के प्रसाद और पुजारी रामबदन भगत द्वारा दी गई जड़ी (जलकुंभी के फल) के सेवन से फेफड़ा में हुआ कैंसर का मर्ज जाता रहा।
अपनी व्यथा सुनाते हुए संतोष ने बताया कि उसकी पत्नी प्रेमलता को एक वर्ष पूर्व फेफड़ा में जलन, सांस लेने की शिकायत हुई, जिसको टाटा मेमोरियल के डाक्टर ने कैंसर होने की बात कहीं। इसके बाद महीने में एक बार कीमोथेरेपी से पत्नी का इलाज होने लगा। लेकिन बीमारी कम होने की बजाय लगातार बढ़ती जा रही थी। इसी बीच उनके एक मित्र ने उन्हें पकड़ी धाम की काली मां के मंदिर में जाने की नसीहत दी। फिर वह अपने पत्नी के साथ पकड़ी धाम स्थित काली मंदिर पहुंचें और मंदिर के पुजारी रामबदन भगत से अपनी व्यथा बताई।
मां काली के अनन्य उपासक रामबदन भगत ने पहले उन्हें मां का प्रसाद दिया और कुछ औषधियों के साथ जलकुभी के फल को पीस कर नियमित सेवन की बात कही। संतोष बताते बताते हैं कि मां काली के आशीर्वाद और औषधियों के नियमित से अब वह पूरी तरह से ठीक हो गई हैं और अपना सामान्य जीवन जी रही हैं।
डेस्क
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