पकड़ी धाम आकर मेराजुन ने पाई कैंसर पर विजय
बलिया: यह आस्था की पराकाष्ठा और मां काली की कृपा से ठीक हो रहे असाध्य रोगों का ही परिणाम है कि हिंदू तो हिंदू मुस्लिम वर्ग के लोग भी पकड़ी धाम स्थित मां काली के दर पर अपनी फरियाद लेकर आते हैं और मुरादों से झोली भर कर घर वापस जाते हैं. तभी तो बिहार के भभुआ जनपद के सरेवा गांव निवासी मेराजुन पत्नी सैमुल्ला खान की जीभ में हुई कैंसर की बीमारी ना सिर्फ ठीक हुई बल्कि वह दूसरे धर्म के अनुयायियों के लिए एक नजीर भी बनी कि माँ के दरबार में आने मात्र से असाध्य रोगों से सहज ही मुक्ति पाई जा सकती है.
अपनी व्यथा सुनाते हुए मेराजुन बताती हैं कि अचानक उसके मुंह में दर्द हुआ.शुरुआती दिनों में तो उन्होंने इसे हल्के में लिया और पहले इलाकाई फिर भभुआ जिला अस्पताल के डॉक्टरों से उपचार कराया, लेकिन बीमारी ठीक होने की बजाए लगातार बढ़ती जा रही थी.
इसके बाद बीएचयू में उपचार कराया, जहाँ डॉक्टरों ने जीभ में कैंसर होने की बात कही. इसी बीच किसी ने उन्हें पकड़ी धाम की काली मां के मंदिर में जाने की नसीहत दी. फिर वो परिजनों के साथ पकड़ी धाम स्थित काली मंदिर पहुंची और मंदिर के पुजारी रामबदन भगत से अपनी व्यथा बताई.
मां काली के अनन्य उपासक रामबदन भगत ने पहले उन्हें मां का प्रसाद दिया और फिर कैंसर के उपचार के लिए जलकुंभी के 100 से 150 फलों को सिलबट्टे पर पीस कर पीने को कहा. इसके बाद मेराजुन ने करीब 3 माह तक जलकुंभी का फल पीसकर पिया. परिणाम स्वरूप वह जलकुंभी के फल के सेवन से न सिर्फ ठीक हो गया बल्कि पिछले दो साल से भला चंगा होकर सामान्य जीवन गुजार रहा है.
डेस्क
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