शाश्वत है सनातन धर्म :- जीयर स्वामी
दुबहर:- धार्मिक किताबे हर घर में होना चाहिए। पहला है भवन भाष्कर। इसमे घर के बारे में बताया गया है कि कहां खिड़की होना चाहिए, कहां टीवी, बल्ब होना चाहिए। कहां नल होना चाहिए। दूसरा भागवत् महापुराण रखना चाहिए। जिसमें साक्षात् भगवान श्री कृष्ण का स्वरूप हैं। भागवत हमेशा पढने से घर देवालय हो जाता है।
बड़े महापुरूषों का लक्ष्य कहीं गलत नही होता है। उनके अनुयायियों द्वारा तोड़ मरोड़कर ऐसे शब्दों में परोस दिया जाता है। जिससे समाज के लोग अस्त व्यस्त हो जाते हैं।
उक्त बातें भारत के महान मनीषी संत त्रिदंडी स्वामी जी महाराज के कृपा पात्र शिष्य श्री लक्ष्मी प्रपन्न जीयर स्वामी जी महाराज ने जनेश्वर मिश्रा सेतु एप्रोच मार्ग के निकट हो रहे चातुर्मास व्रत में अपने प्रवचन के दौरान कही।
स्वामी जी ने बतलाया की धर्म एक ही है। दर्शन अलग - अलग हो सकता है। धर्म एक ही है वह है सनातन धर्म, वैदिक धर्म। सनातन धर्म का अस्तित्व पहले भी था। आज भी है। आगे भी रहेगा। सनातन धर्म हमारे तन में, मन में,व्यवहार में, वाणी में समाया हुआ है। यही है सनातन धर्म। जैसे एक बेइमान, हिंसा करने वाला व्यक्ति को भी लगता है कि हमारे अगली पीढ़ी द्वारा बेइमानी, हिंसा न किया जाए। यही तो है सनातन धर्म की विशेषता है।
रिपोर्ट:- नितेश पाठक
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