अल्पकालीन सुख के लिए धर्म का मार्ग नहीं छोड़ना चाहिए : जीयर स्वामी
दुबहर :- भृगु क्षेत्र में हो रहे यज्ञस्थल पर जीयर स्वामी जी महाराज के सानिध्य में भव्य तरीके से बावन द्वादशी मनाया गया। जिसमें दर्जनों की संख्या में आए आचार्य के मंत्रोचार के बीच बावन भगवान की पूजा अर्चना की गई। इस कार्यक्रम में हिस्सा लेने के लिए काफी दूर-दूर से महिला पुरुष हिस्सा लेने आए हुए थे। स्वामी जी महाराज ने लोगों को संबोधित करते हुए कहा कि आज ही के दिन बावन भगवान का जन्म हुआ था।अधर्म का नाश कर धर्म की विजय के लिए भगवान ने जन्म लिया था।स्वामी जी महाराज ने कहा कि श्री वामन द्वादशी के दिन इनकी पूजा अर्चना करने पर समस्त पापों का नाश होता है तथा घर में लक्ष्मी का वास होता है। भगवान बामन विष्णु के अवतार थे। वे इस धराधाम पर हम सबको जीने का मार्ग बता कर गए। तीन पग में राजा बलि का सब कुछ ले लिया और पूरे धरा धाम पर धर्म की स्थापना की। यज्ञ समिति की तरफ से भव्य तरीके से प्रसाद की व्यवस्था की गई थी। हजारों की संख्या में लोगों ने प्रसाद लिया। सुबह से शाम तक प्रसाद वितरण का कार्यक्रम चलता रहा। स्वामी जी ने बताया कि बावन भगवान ने हम सब को जीवन जीने की कला सीखा गए।हम सबको यही सीख मिलती है कि अपनी सुख के लिए दूसरे को दुख नहीं देना चाहिए। मनुष्य को अपनी मर्यादा के अंतर्गत रहना चाहिए। थोड़ी सी परेशानी आने पर धर्म का मार्ग नहीं छोड़ना चाहिए। भले हीं जीवन में कुछ कष्ट ही क्यों न झेलना पड़े लेकिन कभी भी अधर्म के मार्ग पर नहीं चलना चाहिए। धर्म के मार्ग पर चलने पर हो सकता है कि थोड़ा बहुत जीवन में परेशानियां हो कष्ट आए थोड़ा सा बाधा हो लेकिन अंत समय में सुख और समृद्धि की प्राप्ति होती है तथा समाज में प्रतिष्ठा मिलती है। लेकिन वही व्यक्ति अगर अपनी थोड़ी सी सुख के लिए अधर्म का मार्ग मार्ग अपना ले तो उसे जीवन भर दुख भोगना पड़ता है। अतः मनुष्य को सोच समझकर अपने मार्ग पर चलना चाहिए।
रिपोर्ट:- नितेश पाठक
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