वसुधैव कुटुंबकम व विश्व बंधुत्व को बढ़ावा देती है हिंदी :- बब्बन विद्यार्थी
दुबहर। भारत के विभिन्न राज्यों में अलग-अलग भाषाएं बोली जाती हैं। किंतु जो भाषा संपूर्ण राष्ट्र को एक सूत्र में बांधती है वह हिंदी है। हिंदी वसुधैव कुटुंबकम की भावना जागृत करते हुए विश्वबंधुत्व को बढ़ावा देती है। हिंदी में आवश्यकता अनुसार देशी-विदेशी भाषाओं के शब्दों को सरलता से आत्मसात करने की शक्ति है और देशवासियों में भावात्मक एकता स्थापित करने की पूर्ण क्षमता है। शिष्टाचार एवं संस्कृति की जननी ही नहीं बल्कि हिंदी हिंद की पहचान है। उक्त बातें सामाजिक चिंतक एवं गीतकार बब्बन विद्यार्थी ने हिंदी दिवस के अवसर पर पत्रकारों से बातचीत के दौरान व्यक्त किया।
उन्होंने कहा कि आज भले ही हिंदी बोलने वालों की संख्या अपने देश एवं विदेशों में बढ़ रही है, लेकिन इंग्लिश का बढ़ता प्रचलन हिंदी भाषा की गरिमा के दृष्टिकोण से गंभीर चिंता का विषय है। हमारे देश में भाषाओं की बहुलता के कारण भाषाई वर्चस्व की राजनीति ने भाषावाद का रूप धारण कर लिया है। इसी भाषावाद की लड़ाई में जो सम्मान हिंदी को मिलना चाहिए। वह नहीं मिल सका है। इस विषय पर हम हिंदुस्तानियों को गौर करने की जरूरत है।
रिपोर्ट:- नितेश पाठक
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