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अक्षय तृतीया पर पूजे गए भगवान परशुराम



 

मनियर, बलिया ।जनपद मुख्यालय  से करीब 30-35 किलोमीटर उत्तर दिशा में स्थित आदर्श नगर पंचायत मनियर है ।जहां पर भगवान परशुराम की प्राचीन मंदिर है। अक्षय तृतीया के दिन रविवार को मंदिर पर काफी भीड़ दिखी ।मन्दिर के पुजारी धनन्जय तिवारी ने विधी विधान पुर्वक पुजा अर्चना कि लोग भगवान परशुराम सहित अन्य देवी-देवताओं के मंदिरों पर माथा टेका। परशुराम भक्त कमेटी के तरफ से भक्तों को निशुल्क शरबत पिलाया जा रहा था। अक्षय तृतीया के समय से मनियर बस स्टैंड पर करीब एक पखवारे का मेला लगता है। भगवान परशुराम के विषय में बताया जाता है कि मनियर उनकी तपोभूमि रही है। उस समय मनियर घना जंगल हुआ करता था और यहीं भगवान परशुराम सहित अन्य ऋषि मुनि तप किया करते थे। बहेरा कुंवर राक्षस उनकी तप में बाधा उत्पन्न करता था। जब भगवान परशुराम तप में लीन होते थे ।उसी समय वह घोर गर्जना किया करता था । जिससे इनकी तप भंग हो जाती थी ।एक दिन भगवान परशुराम ने  बहेरा कुंवर राक्षस को मारने का निश्चय किया और मऊ जनपद के मधुबन के पास स्थित रतोह ताल में उसको खोजते हुए चले गए। दोनों लोगों के बीच भयंकर युद्ध हुआ। उस युद्ध में तय हुआ था कि जो एक दूसरे को मार देगा वह उसे सरजू नदी में जल प्रवाह करेगा। भगवान परशुराम बहेरा कुंवर राक्षस का वध किए। वहां युद्ध होने के कारण वह भूमि बड़ा ताल का रूप ले लिया और भगवान परशुराम बहेरा कुंवर राक्षस को घसीट कर मनियर लाए और सरजू नदी में जल प्रवाह किये। जिस रास्ते से घसीट कर लाए थे उस राक्षस के भार से वह रास्ता छोटी नदी का रूप धारण कर लिया। आज भी वह छोटी नदी विराजमान है जिसे बहेरा नाला के नाम से जाना जाता है। बहेरा नाला भगवान परशुराम के मंदिर के पीछे है।

रिपोर्ट प्रदीप कुमार तिवारी

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