भाई - भाई के बीच संपति का नहीं , विपत्ति का बटवारा होना चाहिए:- राजन जी महाराज
दुबहर । गंगा उसपार शिवपुर दियर में पांडे के डेरा स्थित पंच मंदिर के छठे वार्षिकोत्सव पर आयोजित रामकथा में प्रसिद्ध कथावाचक राजन जी महाराज ने बुधवार के दिन कथा के दौरान कहा कि जीवन में सलाह देने वाला या ज्ञान देने वाला कोई एक होना चाहिए तभी जीवन की गाड़ी सही तरीके से सही पटरी पर चलती है । ऐसा नहीं होना चाहिए कि जो कोई भी आए और ज्ञान देकर चला जाए ऐसे में असमंजस की स्थिति उत्पन्न होती है। उन्होंने रामकथा के दौरान रामचंद्र जी के वनवास और भरत मिलाप की कथा को विस्तार से सुनाते हुए भरत जी के त्याग और प्रेम की पराकाष्ठा को विस्तार से सुनाते हुए रामायण की उस घटना का जीवंत प्रस्तुति कर उपस्थित लोगो के आंखो में आंसु भर दिए । कहा कि घर में अगर बड़ा भाई या आपसे उम्र में कोई बड़ा मौजूद है तो छोटे को कभी मालिक नहीं बनना चाहिए ऐसा हमारे शास्त्र बताते हैं , भाई भाई के बीच संपत्ति का बंटवारा नहीं होना चाहिए बल्कि विपत्ति का बंटवारा होना चाहिए लेकिन आज संपत्ति के लिए भाई भाई का दुश्मन बना हुआ है । उन्होंने कहा जिसके साथ अधिक समय व्यतीत करना हो या किसी को अपना मित्र बनाना हो तो पहले उसके स्वभाव को समझिए,परखिए, जानिए क्योंकि एक बार व्यक्ति के स्वभाव जान लेने के बाद जीवन भर उससे व्यवहार करने में कठिनाई उत्पन्न नहीं होती है क्योंकि इंसान का स्वभाव नहीं बदला जा सकता । इसलिए स्वभाव को परखना आवश्यक है । प्रसिद्ध कथा वाचक राजन जी महाराज के गंगा उसपार दियर क्षेत्र में आने से पूरा इलाका भक्ति में डूबा हुआ है। जहां कई किलोमीटर से लोग पैदल या विभिन्न सवारियों से पहुंचकर राजन जी महाराज की संगीतमय रोचक रामकथा का आनंद ले रहे हैं । आयोजक मुन्ना पांडे, नन्हे पांडे द्वारा कथा स्थल की उत्तम व्यवस्था की काफी सराहना लोगो द्वारा खूब की गई ।
रिपोर्ट:- नितेश पाठक
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