अंधी सुधा को मां की कृपा से मिली रोशनी
बलिया। कहावत में अक्सर यह कहा जाता है कि अंधे को क्या चाहिए दो नयन...। लेकिन पकड़ी धाम स्थित मां काली के दरबार में यह कहावत हकीकत का रूप अख्तियार कर ली है। बलिया जिले के हड़ियाकला के समीप स्थित लंगटू बाबा की समाधि गांव निवासी सुधा देवी किसकी प्रत्यक्ष प्रमाण है।
अशोक कुमार चौधरी की पत्नी सुधा को दवा के रिएक्शन के कारण दोनों आंखों से दिखाई देना बंद हो गया। आंखों के उपचार के लिए वह बलिया जिला अस्पताल समेत वाराणसी और नेपाल तक के अस्पतालों का चक्कर लगाई, लेकिन कहीं उसे राहत नहीं मिली। हर जगह डाॅक्टरों ने यह कर उसे लौटा दिया कि उसकी आंख का उपचार नहीं हो सकता और आंख की रोशनी नहीं लौट सकती। सुधा बताती है कि वह इससे निराश होकर अपनी किस्मत पर रोने लगी।इसी दौरान पड़ोस की एक महिला ने उसे पकड़ी धाम स्थित मां काली की दरबार में जाने की सलाह दी और वहां मां से अपनी अर्जी लगाने की बात कही है। मंदिर पहुंचकर सुधा ने मां काली के पुजारी राम बदन भगत से आपबीती बताई। भगत ने उसे फकिया, गोली और तेल देकर उसके सेवन की बात कही और मां के दरबार में आकर अपनी प्रार्थना करने की सलाह दी। सुधा बताती है की पांचवे शनिवार के उपरांत उसकी आंखों की रोशनी लौट आई और वह पूर्व भांति सब कुछ देखने लगी।
डेस्क
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