बलिया में मनाई गई आपातकाल की बरसी, यातनाओं को याद कर सहमे लोग
बलिया। लोकतन्त्र सेनानी संगठन के तत्वावधान में शहीद पार्क स्थित बापू की प्रतिमा के समक्ष आपातकाल के विरोध में काला मनाया गया। सेनानी वक्ताओं ने आपात काल की यातनाओं और इन्द्ररा गांधी के तानाशाही रवैया पर विस्तार से प्रकाश डाला गया। पूर्व नेता प्रतिपक्ष राम गोविंद चौधरी ने कहा है कि तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने अपनी जनविरोधी करतूतों को छुपाने के 25 जून 1975को आपातकाल की घोषणा करते हुए सभी विपक्षी नेताओं की व्यापक पैमाने पर गिरफ्तारी करायी। उन्होंने कहा कि उनके शासनकाल में लोकतंत्र की हत्या का जमकर विरोध किया गया था। समाजवादी पार्टी की सरकार ने सभी राजनैतिक बंदियों को लोकतंत्र रक्षक सम्मान देने के साथ ही उन्होंने राजनैतिक पेंशन की घोषणा किया। लेकिन हमारी सरकार से मांग है कि स्वतंत्रता सेनानियों के समान लोकतंत्र सेनानियों को भी सभी सुविधाएं उपलब्ध कराई जाये। पूर्व मंत्री राजधारी ने कहा कि हम सभी लोकतंत्र सेनानियों का कर्तव्य है कि चाहे कोई भी सरकार हो यदि उसकी नीतियां जन विरोधी है तो उसका विरोध खुलकर करना हम सभी का फर्ज है। समाज सेवी धनराज सिंह ने आपातकाल में राजनैतिक बंदियों के उत्पीड़न पर प्रकाश डाला। कार्यक्रम के संयोजक चंद्रशेखर सिंह ने काला दिवस समारोह में आए सिटी मजिस्ट्रेट को लोकतंत्र रक्षक सेनानी कल्याण समिति के माध्यम से प्रधानमंत्री को संबोधित4 सूत्री मांग पत्र सौंपा। इस अवसर पर शिव प्रकाश पांडेय, कुमार मिश्रा, नगर पालिका परिषद के पूर्व चेयरमैन हरे राम चौधरी देवेंद्र नाथ त्रिपाठी, प्रवक्ता संतोष कुमार शुक्ला, राज ऋषि सिंह, गोपाल सिंह, डॉ सुरेश राम, केके सिंह आदि मौजूद रहे। काला दिवस समारोह की अध्यक्षता नपा के पूर्व चेयरमैन हरेराम चौधरी ने संचालन चंद्रशेखर सिंह ने किया।
By Dhiraj Singh
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