पशु अस्पताल में डाक्टर ही नहीं, चपरासी कर रहा मवेशियों का इलाज
रतसर (बलिया) स्थानीय नगर पंचायत स्थित पशु चिकित्सालय बदहाल पड़ा है। जर्जर अस्पताल भवन में न ही बाउंड्रीवाल है और न ही पीने के लिए पानी की व्यवस्था। डाक्टर साहब तो कभी आते ही नहीं है। एक मात्र चपरासी के भरोसे अस्पताल चल रहा है। दर्जनों गांव में पशुओं के इलाज के लिए बना चिकित्सालय पशुपालन विभाग के लापरवाही के चलते कभी- कभी खुलता है। इस अस्पताल में तैनात डा० वेद प्रकाश आते नही है। अस्पताल चपरासी के भरोसे चल रहा है। पशुओं को दवाएं तक नही मिलती है। अस्पताल में न ही पीने के पानी की व्यवस्था है और न ही पशुपालकों के बैठने के लिए कोई बेंच तक है। पशुपालको ने बताया कि डाक्टर साहब कभी आते नही है। चपरासी ही इलाज करते है। परिसर में बाउंड्री भी नहीं है। इलाज करते समय अगर कोई पशु छूट जाता है तो उसे पकड़ने में खासी दिक्कत होती है। हम्पी एवं अन्य बीमारी को लेकर पशु पालक दहशत में है ।
रिपोर्ट : धनेश पाण्डेय
No comments