पूर्व प्रधानमंत्री चंद्रशेखर के 16वीं पुण्यतिथि पर जिले भर में विविध कार्यक्रम करके अर्पित की गई श्रद्धासुमन
बलिया : शनिवार को अपने आवास पर देश के प्रथम समाजवादी प्रधानमंत्री चन्द्रशेखर को श्रद्धासुमन अर्पित करते हुए सपा के राष्ट्रीय सचिव रामगोविंद चौधरी ने कहा है कि यह आज़ादी, लोकतंत्र और संवैधानिक व्यवस्था हमें मुफ्त में नहीं मिली है। इसके लिए हमारे पुरखों ने भारी कुर्बानी दी है। उन्होंने कहा है कि इसकी रक्षा हमारा, आपका, सभी का दायित्व है। इस दायित्व का निर्वहन ही पूर्व प्रधानमंत्री चन्द्रशेखर जी को सच्ची श्रद्धान्जलि है।
सपा के राष्ट्रीय सचिव रामगोविंद चौधरी ने कहा है कि डबल इंजन की सरकार से पहले के सरकार का लक्ष्य होता था, पीड़ित को न्याय देना। अब सरकार का लक्ष्य हो गया पीड़ा देने वाले को संरक्षण देना। उन्होंने कहा कि याद करिए, लखीमपुर में किसानों को जीप से कुचलकर मारा गया। इस किसान वध के मुजरिम का पिता सरकार में अब भी मंत्री बना हुआ है। यौन शोषण के मामले न्याय मांग रहीं देश की गौरव महिला पहलवानों को सड़क पर घसीटा गया और जिनके ऊपर आरोप है, वह चैनलों पर इंटरव्यू दे रहे हैं और सरकार तमाशा देख रही है। अराजकता में मणिपुर जल रहा है और प्रधानमंत्री उधर देखने की जहमत नहीं उठा रहे हैं। हरियाणा में तय न्यूनतम समर्थन मूल्य की मांग करने वाले किसानों को सरकार की नीति के तहत पुलिस ने पीटा। उनके खिलाफ कोई करवाई नहीं हुई जो तय न्यूनतम समर्थन मूल्य नहीं दिये।
सपा के राष्ट्रीय सचिव रामगोविंद चौधरी ने कहा है कि आम आदमी को छोड़िये, उत्तर प्रदेश में एक सांसद ने सरकारी बैठक में विधायक को जूते से पीटा। विधायक ने भी प्रतिवाद में हाथ चलाया। पूरा देश इस दृश्य को देख रहा है लेकिन यह सरकार नहीं देख पाई। यही नहीं, आप न्याय के लिए यहाँ प्रदर्शन करिए। पहले सरकार आपकी आवाज़ नहीं सुनेगी और सुनेगी तो आपको ही जेल में भेज देगी। उन्होंने कहा कि आज देश आपातकाल से भी अधिक खतरनाक दौर से गुजर रहा है, इसलिए मीडिया भी इस स्थिति को बयां करने से बच रही है।
सपा के राष्ट्रीय सचिव और और पूर्व नेता प्रतिपक्ष रामगोविंद चौधरी ने कहा है कि उपरोक्त घटनाएं तब की हैं, जब राजशाही स्थापित करने की कोशिश हो रही है। हो जायेगी तो क्या क्या होगा? इसकी कल्पना करिए। इसलिए इस राजशाही को रोकने के लिए हम सपाई बड़ी से बड़ी कुर्बानी देने को तैयार रहें।
इस मौके पर सर्वश्री अरुण कुमार श्रीवास्तव, सुशील पाण्डेय कान्हजी, राजेन्द्र यादव शिवानन्द पाण्डेय,अमरेश मिश्र, अब्दुल अंसारी, ब्रह्मा नन्द , रविन्द्र यादव आदि ने भी श्रद्धांजलि अर्पित किया।
सियासत की भीड़ में एक अलग चेहरा चंद्रशेखर जैसी सख्सियत का
आज भारत के पूर्व प्रधानमंत्री जननायक चंद्रशेखर जी की 16 वी पुण्यतिथी शेखर फाउंडेशन और चंद्रशेखर विचार मंच के तत्वावधान मे चंद्रशेखर उद्यान मे परम पूज्य राष्ट्रनायक चंद्रशेखर जी के प्रतिमा पर माल्यार्पण पुष्पांजलि अर्पित करते हुए सदस्य विधान परिषद् माननीय श्री रविशंकर सिंह ने भावुक होते हुये कहा कि कुछ लोग बेहद खास होते हुये भी बेहद आम नजर आते हैं ।भारतीय राजनीति में ऐसी ही एक शख्सियत थी चंद्रशेखर , जो लोगों को एकदम अपनी सी नजर आती थी । बिना कंघी के बाल ,हल्की दाढ़ी से घिरा चेहरा , भविष्य में झाँकती आँखे , जिस्म पर धोती कुर्ता ,पाँव में चप्पल कुल मिला कर खालिस हिन्दुस्तानी अंदाज । उनकी यही खासियत उनका लोगों से सीधा और गहरा जुड़ाव बनाती रही । आडम्बर और दिखावे से कोसों दूर । देसी ठसक के साथ सीधी सपाट बातचीत ।चाहे नाराजगी हो या खुशी हमेशा सामने से जाहिर की । मसला राजनीतिक हो या सामाजिक ,दो बातों का हमेशा ख्याल रखा एक उसूल और दूसरा मानवीय संवेदना । रिश्तों को जीने में उनका कोई जवाब नहीं था , जिसका हाथ थामा कभी छोड़ा नहीं ।लम्बे सियासी सफर में कई साथ आये तो कई ने साथ छोड़ा भी पर उनकी तरफ से कोई गिला नहीं ,कोई शिकवा नहीं , जब मिले वही अंदाज, सामने वाला खुद ब खुद सिमट जाता ।
ऐसे थे चंद्रशेखर जिनकी शख्सियत से अपनी माटी अपना देश की खुशबू का अहसास होता था ।सियासत के शिखर पर होने के बावजूद अपनी जड़ों से गहराई तक जुड़ी ऐसी शख्सियत अब कहाँ । इतिहास की समझ और राष्ट्रीय धरोहरों से ऊर्जा ग्रहण करने की जो तीक्ष्ण दृष्टि चंद्रशेखर जी में थी वह किसी दूसरे सामयिक नेता नही।1984 में चुनाव हारने के बाद कई प्रस्तावों के बावजूद वह कहीं दूसरी जगह से चुनाव नही लङे, न पिछले दरवाजे से संसद में पहुचें 1985, से 1990 के बीच सक्रिय राजनीति के अलावा चंद्रशेखर जी ने जो सृजनात्मक कार्य किये हैं, वे उनके संकल्प और मजबूत इच्छाशक्ति के ही परिणाम है। कि सिताबदियारा में जे पी स्मारक, करौधी में राममनोहर लोहिया स्मारक, चंपारण, भीतहरवा में गाँधी आश्रम का जीर्णोद्धार, आचार्य नरेंद्र देव के नाम पर स्मृति-समारोह, लोगों से एक-एक रूपया लेकर कमर भर पानी-कीचड़ पार करतें हुए, खुद ही ईट उठाते हुए, सफाई करते हुए, आधी रात तक काम करते हुए, उन पावन स्मृतियों के प्रति सामाजिक उत्तरदायित्व का ऋण और शारीरक श्रम का यह पहलू मौजूदा राजनेताओं में शायद अकेले चंद्रशेखर जी के हिस्से पङा है।.......
चंद्रशेखर जी के व्यक्तित्व मे ग्रामीण साहस, औदार्य, सरलता और आत्मविश्वास का समन्वय था। मस्तिष्क और ह्रदय का उनका समृद्ध समन्वय उनकी जेल डायरी में निखरा है। आप की 1 6वी पुण्यतिथि पर शत शत नमन..... इस अवसर पर मुख्य रूप से राणा प्रताप सिंह अनिल सिंह पूर्व ब्लाक मनोज सिंह भुवनेश्वर चौधरी नागेंद्र पांडे वंश बहादुर सिंह उत्कर्ष सिंह आलोक सिंह झुनझुन दिन बंधु सिंह तेजा सिंह विवेक सिंह अनिरुद्ध सिंह अमित सिंह बघेल दिग्विजय पांडे दिनेश सिंह करण सरावगी धनंजय कुंवर जितेंद्र सिंह रहे ।
बलिया : आदर्शवादी सैद्धांतिक राजनीति के शिखर पुरुष थे,चंद्रशेखर । चंद्रशेखर की 16 वी पुण्यतिथि पर वीर कुंअर सिंह फाउंडेशन नई दिल्ली के राष्ट्रीय अध्यक्ष निर्मल सिंह ने आज बलिया में थे।उन्होंने चंद्रशेखर उद्यान बलिया में एक आयोजन में चंद्रशेखर जी के प्रतिमा पर श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए कही।
उन्होंने बलिया में चंद्रशेखर जी की प्रतिमा लगने पर प्रसन्नता जाहिर किया और कहा कि चंद्रशेखर जी को चाहनेवाले जो इन अवसरों पर दिल्ली नही का जा पाते थे,बलिया में हीं श्रद्धांजलि सभा में उपस्थित होकर विचारों का आदान प्रदान कर सकेंगे।बलिया में हर वर्ष चंद्रशेखर ट्रस्ट के माध्यम से इन अवसरों पर सेमिनार और व्याख्यान कराने का सलाह भी दिया।क्योंकि बलिया एक शानदार और जानदार भूमि है,यहां विद्वानों की कमी नहीं है,बलिया हमेशा दिशा देने का काम किया है।यह परंपरा बढ़नी चाहिए।
चंद्रशेखर जी के नाम पर दिल्ली की प्रमुख सड़क का नाम एवम लुटियां जोन में उनकी आदमकद प्रतिमा की मांग करने की अपील किया और जन समुदाय से भी आग्रह किया।
उन्होंने कहा कि प्रत्येक वर्ष इस अवसर पर दिल्ली में
जननायक की समाधि पर उपस्थित रहता था,इधर दो वर्षों से गृह क्षेत्र में ही श्रद्धांजलि सभा में शामिल हो जाता हुं ।मूर्ति लगवाने एवम हमेशा इस आयोजन को कराने के लिए चंद्रशेखर जी के विधायक नाती रविशंकर सिंह उर्फ पप्पू जी को उन्होंने धन्यवाद दिया।
बलिया। जेपी विचार मंच एवं लोकतंत्र सेनानी के संयुक्त तत्वावधान में शनिवार को नगर के स्वतंत्रता संग्राम सेनानी कपिल ठाकुर स्मृति परिसर बेदुआ में पूर्व प्रधानमंत्री चंद्रशेखर की पुण्यतिथि पर स्मृति सभा का आयोजन किया गया। लोकतंत्र सेनानी प्रवक्ता संतोष कुमार शुक्ल ने संस्मरण साझा करते हुुए कहा कि अध्यक्ष जी कार्यकर्ताओं के नेता थे। जब गांव-गिराव का कार्यकर्ता चंद्रशेखर से मिलता था तो जो सम्मान, स्नेह एवं दुलार मिला, उसको कार्यकर्ता जीपन पर्यंत संजोये रखा।
अध्यक्षता करते हुए द्विजेन्द्र कुमार मिश्र ने कहा कि जनता के नेता, संसदीय परंपरा के उद्घोषक, समाज मेंं सही बात कहने वाले तथा चुनाव में हार-जीत के लिए परेशान न होने वाले चंद्रशेखर थे। वह समाज की विसंगतियों को खत्म करने के हिमायती थे। उन्होंने समस्याओं को नजदीक से जानने के लिए कन्याकुमारी से दिल्ली तक पदयात्रा की। इस अवसर पर अजय बहादुर सिंह, शुभ्रांशु शेखर पांडेय, बासुदेव ठाकुर, निर्भय नारायण सिंह, देवेन्द्र नाथ त्रिपाठी, अकमल नईम खां मुन्ना, अजय पटेल, शैलेन्द्र सिंह गुड्डू, राजऋषि सिंह, शंभू सिंह, अशोक राय, राजेन्द्र पांडेय, खड़ग यादव, राजू राजभर, सुुशील पांडेय आदि मौजूद रहे।
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