मृत शिक्षक की पत्नी को 40.50 लाख का सहयोग
By Dhiraj Singh
*# टीएससीटी की पहल पर प्रदेश के 80 हजार से अधिक शिक्षकों ने की 50-50 रुपए की मदद*
*#प्रावि गोड़धप्पा (बांसडीह) में कार्यरत दिनेश की सड़क हादसे में हुई थी मौत*
बलिया। बेसिक व माध्यमिक शिक्षा परिषद के शिक्षकों के हित के लिए समर्पित संस्था टीचर सेल्फ केयर टीम (टीएससीटी) की पहल पर प्रदेश के चार दिवंगत शिक्षकों के परिजनों को 40-40 लाख रुपए से अधिक की आर्थिक मदद मिली है। इसमें हादसे में मृत जिले के शिक्षक दिनेश दूबे का भी परिवार शामिल है। यह संभव हो सका है पिछले 15 दिनों के अंदर 80 हजार शिक्षकों के 50-50 रुपए के मामूली सहयोग से।
बांसडीह ब्लाक के प्राथमिक विद्यालय गोड़धप्पा के शिक्षक दिनेश दूबे की होली के दिन (आठ मार्च) शहर से सटे न्यू जेपी नगर स्थित आवास से गांव मनियर क्षेत्र के निपनिया जाते समय सड़क हादसे में मौत हो गई थी। वे टीएससीटी के वैध सदस्य थे। टीम के प्रदेश नेतृत्व ने नियमानुसार सारी औपचारिकताएं पूरी करने के बाद 15 जुलाई को सहयोग के लिए दिवंगत दिनेश की पत्नी अंजली पाठक के बैंक खाते का विवरण व्हाट्सएप, फेसबुक, टेलीग्राम आदि सोशल साइटों पर जारी किया। टीम के सदस्यों को 15 दिनों के अंदर बैंक खाते में 50-50 रुपए की आर्थिक मदद करनी थी। गुरुवार की रात को निर्धारित समय समाप्त होने तक 80 हजार से अधिक सदस्यों के सहयोग से अंजली के खाते में 40 लाख से अधिक की धनराशि पहुंच गई थी। अंजली के साथ ही महाराजगंज के स्व. पंकज वर्मा, बहराइच के स्व. हृदय राम, सहारनपुर की स्व. मीरा के परिजनों का भी खाता नंबर जारी हुआ था, उन सभी के खातों में 40-40 लाख से अधिक रुपए पहुंचे हैं।
संकट की इस घड़ी में टीएससीटी ने बहुत बड़ा सहयोग किया
रामायण दूबे व तारा देवी के इकलौते पुत्र दिनेश की शादी दो साल पहले ही अंजली पाठक से हुई थी। दिनेश की एक 11 माह की मासूम बेटी दिव्यांशी है। दिनेश के पिता, माँ व पत्नी ने टीएससीटी का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि जो चला गया उसकी भरपाई तो कोई नहीं कर सकता लेकिन टीएससीटी ने बहुत बड़ा सहयोग किया है। दिव्यांशी के भविष्य को लेकर जो चिंताएं थी वह बहुत हद तक दूर हो गईं है।
यह है सहयोग का तरीका
जिले के सक्रिय सदस्य सतीश मेहता ने बताया टीएससीटी के वैध सदस्य की मृत्यु होने पर संगठन का प्रदेश नेतृत्व उसकी पत्नी/नॉमिनी का बैंक खाता व्हाट्सएप, फेसबुक, टेलीग्राम आदि पर जारी करता है। टीम के सदस्य उस खाते में सहयोग, जो अभी 50 रुपए है, करते हैं। बताया कि पहली बार सहयोग राशि 40 लाख के पार पहुंची है। इसका कारण सदस्यों की संख्या में तेजी से हो रही बढ़ोत्तरी है।
टीएससीटी का लक्ष्य प्रदेश के अधिसंख्य शिक्षकों को टीम से जोड़ना और किसी वैध सदस्य की मृत्यु पर उनके परिवार का सहयोग करना है। टीम से बेसिक और माध्यमिक के शिक्षक जुड़ सकते हैं। इसके लिए tsctup.com पर जाकर रजिस्ट्रेशन और फिर किसी सदस्य की मृत्यु पर उनके परिवार को सहयोग करना होगा। सदस्यता निःशुल्क है। टीम अब तक 119 दिवंगत शिक्षकों के परिवारों को 27 करोड़ की मदद कर चुकी है।
संजीव रजक
सह संस्थापक
टीएससीटी, उत्तर प्रदेश
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