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सरकारी नौकरी की न केवल फर्जी नियुक्ति पत्र देते थे बल्कि ट्रेनिंग और मेडिकल तक करवा देते थे, गिरोह के 5 ठग गिरफ्तार




 हरियाणा । सरकारी नौकरियों के नाम पर ठगी करने वाले अंतरराज्यीय गिरोह का पर्दाफाश कर हरियाणा के स्टेट क्राइम ब्यूरो ने  पांच लोगों को गिरफ्तार किया है। आरोपित न केवल फर्जी नियुक्ति पत्र देते थे बल्कि ट्रेनिंग और मेडिकल तक करवा देते थे।इन आरोपितों ने केन्द्र के विभिन्न विभागों, एफसीआई, सेना, आईटीबीपी, बीएसएफ, यूपी लोक निर्माण आदि में नौकरी दिलवाने का झांसा देकर कई लोगों को ठगा है।

हरियाणा स्टेट क्राइम ब्रांच के एडीजीपी ओपी सिंह ने सोमवार को बताया कि उन्होंने बताया कि भिवानी निवासी रविंद्र, विक्रम व प्रदीप ने शिकायत की थी कि एफसीआई में गोदाम अटेंडेंट के पद पर भर्ती के लिए आवेदन किया था, जिसमें नौकरी दिलवाने के नाम पर सिक्योरिटी की राशि की मांग की गई थी। आरोपितों ने शिकायतकर्ताओं से प्रति व्यक्ति साढ़े पांच लाख रुपये के हिसाब से कुल मिलाकर साढ़े 16 लाख रुपये लिए थे। शिकायत में बताया गया कि पीडि़तों को अपॉइंटमेंट लेटर दिए गए और उसके बाद फिरोजपुर, पंजाब में ट्रेनिंग करवाई गई। वहीं पर पीडि़तों के कागजात जमा करवाए गए और पहचान पत्र भी जारी किये गए। सभी से तीन महीने ट्रेनिंग के नाम पर काम करवाया गया और जल्दी ही पोस्टिंग देने का वादा किया गया। इस दौरान शिकायतकर्ताओं को किसी भी प्रकार का वेतन नहीं दिया गया है,जब कई दिन तक कहीं पोस्टिंग नहीं की हुई और न ही सैलरी मिली तो ठगी का एहसास हुआ और उन्होंने जिला पुलिस को शिकायत दी। एडीजीपी सिंह ने बताया कि इस मामले में एक एसआईटी का गठन किया गया था। जिसने पांच महीने में ही केस का खुलासा कर उन्होंने बताया कि इस ठगी केस की जांच की जिम्मेदारी फरवरी 2023 में स्टेट क्राइम ब्रांच को दी गई। सरकारी विभागों के फर्जी अपॉइंटमेंट लेटर, ट्रेनिंग, आईकार्ड जारी करने वाले अंतरराज्यीय गिरोह में शामिल पांच आरोपियों को टीम ने सबूतों के आधार पर गिरफ्तार किया है। एडीजीपी ने बताया कि केस में मुख्य साजिशकर्ता मुज्जफरनगर निवासी दीपक राठी, विष्णु चौहान निवासी कटेसरा, रोहतक, हरियाणा को गिरफ्तार किया। पुलिस ने दीपक राठी के पास से एक फोन, 1.90 लाख रुपये बरामद किए। इसके बाद एसआईटी ने तीसरे आरोपित राहुल निवासी सीतापुर, उत्तर प्रदेश को नोएडा से गिरफ्तार किया। राहुल से दो मोबाइल फ़ोन और 22 हज़ार रुपये बरामद किये गए। इसके अलावा, चौथे आरोपित विमल कुमार निवासी नयी दिल्ली को दो मोबाइल फ़ोन और 1.88 लाख रुपये के साथ गिरफ्तार किया गया। पांचवे आरोपित मोहम्मद शोएब निवासी शास्त्री नगर, दिल्ली को गिरफ्तार किया गया। शोएब एक साइबर कैफे का संचालक है। एसआईटी ने उसके कैफे से सीपीयू, कलर प्रिंटर, सरकारी विभागों का डेटा और सीसीटीवी जब्त किया है। रिमांड के दौरान आरोपियों ने बताया कि बिहार, झारखंड, उत्तर प्रदेश, हरियाणा और पंजाब में सरकारी नौकरी दिलवाने के नाम पर उन्होंने ठगी को अंजाम दिया है।



डेस्क

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