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कालाजार के प्रति सतर्कता बेहद जरूरी, पन्द्रह दिन से अधिक बुख़ार, हो सकता है कालाजार

 


● दस्तक अभियान में  कालाजार के लक्षणयुक्त व्यक्तियों की पहचान पर भी रहेगा जोर


बलिया : संचारी रोग नियंत्रण अभियान के तहत जनपद में दस्तक अभियान 17 से 31 जुलाई तक चलाया जाएगा। इसके तहत आशा एवं आंगनबाड़ी कार्यकर्ता घर-घर जाकर कालाजार के प्रति जनसमुदाय को जागरूक करेंगी । साथ ही कालाजार लक्षण युक्त व्यक्तियों की सूची तैयार करेंगी। जिससे उनका समय से जांच व इलाज कराया जा सके। यह जानकारी जिला मलेरिया अधिकारी सुनील कुमार यादव ने दी। 

उन्होंने बताया कि कालाजार एक गंभीर संचारी रोग है, जो बालू मक्खी के काटने से फैलता है और अक्सर यह मक्खी ग्रामीण क्षेत्रों में नमी वाले स्थानों, चूहों के बिलों, मकान की दरारों में पायी जाती है। इससे बचाव के लिए घर के आसपास साफ़-सफाई का ध्यान रखकर एवं मच्छरदानी का प्रयोग कर इस रोग से बचा जा सकता है । 

 *कालाजार प्रभावित ब्लॉक :-* जिला मलेरिया अधिकारी ने बताया कि जनपद में पिछले तीन वर्षों में कालाजार से 10 ब्लॉक के 34 ग्राम प्रभावित हैं।  इनमे हनुमानगंज, मुरलीछपरा, कोटवा, रेवती, दुबहड़, चिलकहर, मनियर, बांसडीह, सोहाव,और पंदह ब्लॉक कालाजार प्रभावित हैं। खास बात यह है कि जनवरी 2023 से अभी तक  केवल एक मरीज पी के डी एल ( चमड़ी वाला कालाजार ) का रिपोर्ट हुआ है।

जिला मलेरिया अधिकारी ने बताया कि किसी व्यक्ति को 15 दिन से अधिक बुखार आना, भूख नहीं लगना, खून की कमी, वजन घटना, त्वचा का रंग काला होना आदि कालाजार के लक्षण हो सकते हैं। इसके प्रमुख लक्षणों में से एक लक्षण त्वचा पर धब्बा बनना है। यदि किसी व्यक्ति में यह लक्षण दिखें तो तत्काल नजदीकी प्राथमिक और सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र और जिला चिकित्सालय पर जांच कराकर पूरा इलाज कराएं। लापरवाही बरतने पर यह बीमारी एक बार ठीक होकर भी दोबारा शुरू हो सकती है। 

 उन्होंने बताया कि प्राय: देखा जाता है कि जब आईआरएस छिड़काव का कार्य होता है तब अधिकतर लोग पूजा घरों और रसोई घरों में छिड़काव नहीं कराते हैं। जिससे कि बालू मक्खी की बचे रहने की संभावना बनी रहती है उन्होंने कहा कि इसी कारण स्लोगन के जरिये  बताया जा रहा है कि "कालाजार के जांच इलाज में देरी, पड़ेगी भारी" "कोई कमरा छूटा, सुरक्षा चक्र टूटा । उन्होंने जनपदवासियों से अपील की है कि आईआरएस का छिड़काव पूजा घर, रसोईघर के साथ ही सभी कमरों की सभी दीवारों पर छह फीट की ऊंचाई तक अवश्य करवाएं।

 *रोकथाम:-* 

●घर में साफ-सफाई रखें। दीवार एवं आसपास के कोनों की नियमित और पूरी सफाई आवश्यक है। 

●घर में प्रकाश आना चाहिए।

●रोगी एवं स्वस्थ व्यक्ति की कड़ी (बालू मक्खी) को नष्ट करने के लिए छिड़काव जमीन से छह फीट की ऊंचाई तक कराएं तथा तीन महीने तक घरों में किसी प्रकार की सफेदी और पुताई न कराएं। 

●कमरे के जमीन से दीवार की कुछ ऊंचाई तक पक्की दीवार की चुनाई कराएं।

● पूरी आस्तीन के कपड़े पहने।

● जमीन पर न सोए।


By : Dhiraj Singh

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