Kali Maa Pakri Dham

Breaking News

Akhand Bharat welcomes you

गंगा में बढोत्तरी होने से तटवर्ती लोगों में दहशत, ग्रामीणों ने लगाया यह आरोप

 



रामगढ़। बैरिया तहसील क्षेत्र के गंगा उस पार स्थित नौरंगा, भुवाल छपरा के लोगों को अपने गांव का अस्तित्व मिटने का भय सताने लगा है। जैसे- जैसे गंगा नदी में बढोत्तरी हो रहा है वैसे-वैसे नौरंगा वाशियों में अफरा-तफरी माहौल बन रहा है। बाढ़ विभाग द्वारा नौरंगा में अभी तक कोई बचाव कार्य प्रारंभ नही किये जाने से ग्रामीणों की चिंताये बढ़ती जा रही है। पिछले कुछ दिनों से नौरंगा के युवाओं ने अपने अपने घर से प्लास्टिक की बोरी लाकर श्रमदान कर गंगा नदी में बालू भरी बोरी से गांव को बचाने का कवायद शुरू किया था परन्तु सवाल यह उठता है कि क्या इससे राहत मिल पायेगा । ग्रामीणों का भी कहना है कि हम लोगों को पता है की यह कार्य इतना आसान नही है। परन्तु क्या करे आखिरकार हाथ पर हाथ रखें बैठा भी तो नही जा रहा है। उन लोगों का कहना है कि पिछले वर्ष गंगा नदी उफनाई लहरों से जिस तरह कटान हुआ था और जिसके चलते नदी हम लोगों के गांव के पास पहुँच गयी है। यदि समय रहते शासन प्रसाशन द्वारा कुछ ठोस कदम नही उठाया गया तो अन्य गांवों की भांति  हम लोगों के गांव का भी अस्तित्व मिट जाएगा। नौरंगा के बाढ़ पीड़ितों में अक्षय चौबे, लकड़ी मिश्र,राजमंगल ठाकुर, राजू ठाकुर, रमाकांत ठाकुर, सन्तोष ठाकुर, रामनाथ ठाकुर, लक्ष्मण ठाकुर, अवधेश मिश्र, भोला ठाकुर सहित दर्जनों लोगों ने एक स्वर से जनप्रतिनिधियों व बाढ़ विभाग के अधिकारियों को कटघरे में खड़ा करते हुए उन लोगों पर नौरंगा वासियों के साथ सौतेला व्यवहार करने का आरोप लगाया हैं। उन लोगों का कहना है कि यदि गंगा नदी के कटान से बचने के लिए कोई बचाव का कार्य नही किया गया तो हम लोगों के गांव का भी अस्तित्व मिट जाएगा। केंद्रीय जल आयोग के मुताबिक सोमवार की शाम चार बजे गंगा का जलस्तर 50.970 मीटर रिकॉर्ड किया गया। इसके साथ ही एक सेंटीमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से बढ़ाव का क्रम जारी है। बाढ़ विभाग के अधिकारियों ने बताया कि आगे भी पानी बढ़ने का अनुमान लगाया जा रहा है।

अब योगी जी पर ही है उम्मीद


रामगढ़। गंगा नदी के लगातार बढोत्तरी से बाढ़ पीड़ितों में हड़कंप मच गया है जिससे नौरंगा वासियों का कहना है अब जो भी थोड़ी बहुत उम्मीद बची है वो सिर्फ सूबे के मुखिया योगी आदित्यनाथ के ऊपर पर ही है क्योंकि  17 सितम्बर 2019 को दयाछपरा में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के द्वारा ड्रेजिंग कर नदी का धारा बदलने की बात कही गई थी। तो आखिर कार बाढ़ विभाग उसे क्यो नही उस पर अमल कर रहा है। ग्रामीणों का कहना है कि सुनने में आ रहा था कि नौरंगा के लिए लगभग 9 करोड़ की लागत से पारक्यूपाइन विधि से 2 वर्ष पहले गांव को बचाये जानें का कार्य किया गया था परन्तु वो भी अधजल में ही है। वहीं कुछ लोगों का कहना है कि पारक्यूपाइन विधि से कुछ नही होगा वो सब लूट खसोट का जरिया है। जगदत ठाकुर का कहना है कि जानबूझकर कर विभाग धन की स्वीकृति नहीं मिलने का रोना रो रहा है।


ग्रामीणों द्वारा सूचना प्राप्त हुई थी। इस तरह की कटान नदियां हर जगह करती हैं आबादी बिल्कुल तरह से अभी सुरक्षित हैं अगर गांव पर कोई खतरा बढ़ता है तो विभाग द्वारा तुरंत बचाव कार्य प्रारंभ कर दिया जाता हैं।

संजय कुमार मिश्र

एक्सईएन, बाढ़ विभाग, बलिया



रिपोर्ट : रवीन्द्र मिश्र

No comments