स्वतंत्रता दिवस : चुनो चुनौती सीना तान, जग में बढ़ाओ देश का नाम : लालकिले से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी
नई दिल्ली : स्वतंत्रता दिवस : स्वतंत्रता दिवस के मौके पर संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एक कविता के माध्यम से नई ऊर्जा भरने का प्रयास किया। प्रधानमंत्री ने कविता सुनाते हुए कहा कि हम सभी को चुनौतियों को सीना तान कर स्वीकार करना चाहिए।पीएम मोदी ने लाल किले से कहा आज जब मैं अमृतकाल में आपसे बात कर रहा हूं, यह अमृतकाल का पहला वर्ष है। अमृतकाल के पहले वर्ष में मैं आपको पूरे विश्वास से कहना चाहता हूं...
चलता चलाता कालचक्र, अमृतकाल का भाल चक्र
स्वतंत्रता दिवस : लाल किले से प्रधानमंत्री की कविता -चुनो चुनौती सीना तान
सबके सपने, अपने सपने,
पनपे सपने सारे, वीर चले, चले युवा हमारे,
नीति सही, रीति नई, गति सही, राह नई,
चुनो चुनौती सीना तान, जग में बढ़ाओ देश का नाम
ने कहा कि मेरे परिवार के लोगों, हिंदुस्तान के कोनो-कोने में बैठे मेरे परिवार के लोग, दुनिया के कोने-कोने में बैठे मेरे परिवार के लोगों, मैं आपक सबको स्वतंत्रता दिवस की बधाई देता हूं। यह अमृतकाल हम सबके लिए कर्तव्य काल है। यह अमृतकाल हम सबको मां भारती के लिए कुछ कर गुजारने का काल है।
पीएम मोदी ने कहा हमारे स्वच्छता अभियान को एक नया मोड़ ये भी देना है कि हमे भ्रष्टाचार से मुक्ति पानी है। सरकार तकनीक के जरिए भ्रष्टाचार को कम करने का काम कर रही है। 10 करोड़ लोग जो गलत तरह से फायदा उठाते हैं उन्हें मैंने रोक दिया है। ये वो लोग हैं जिनका जन्म ही नहीं हुआ था उनके नाम पर अलग-अलग स्कीम में फायदा लिया जा रहा था। भ्रष्टाचारियों की जो संपत्ति हमने जब्त की है वह पहले की तुलना में 20 गुना अधिक है।
डेस्क
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