जिले में मनाया गया राष्ट्रीय कृमि मुक्ति दिवस
●सीएमओ ने किया कार्यक्रम का शुभारंभ
● छूट गये बच्चों को मॉपअप राउंड में 17 अगस्त को खिलाई जाएगी दवा
बलिया : जिले में गुरुवार को राष्ट्रीय कृमि मुक्ति दिवस (एनडीडी)मनाया गया। इस अवसर पर मुख्य चिकित्सा अधिकारी (सीएमओ) डॉ. जयन्त कुमार ने राजकीय बालिका इंटर कॉलेज के प्रांगण में राष्ट्रीय कृमि मुक्ति कार्यक्रम का शुभारंभ किया । यह दवा एक वर्ष से 19 वर्ष तक के सभी बच्चों को खिलाई गई।
मुख्य चिकित्सा अधिकारी ने बताया कि जिले में 17 लाख से अधिक बच्चों और किशोरों को कृमि मुक्ति (पेट से कीड़े निकालने की) दवा एल्बेंडाजोल खिलाने के लिए यह अभियान शुरू हुआ है। राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम के नोडल अधिकारी डॉ वीरेंद्र कुमार ने बताया कि इस अभियान के तहत सभी स्कूलों में सभी नामांकित बच्चों को अध्यापको के जरिये दवा खिलाई गई। आंगनबाड़ी केन्द्रों पर एक से पांच साल के सभी पंजीकृत एवं गैर-पंजीकृत बच्चों और छह से 19 साल के स्कूल न जाने वाले सभी बालक/ बालिकाएं एवं ईट भट्ठा इत्यादि पर कार्य करने वाले श्रमिकों एवं घुमंतू परिवारों के बच्चों को आंगनबाड़ी कार्यकर्ता के जरिये कृमि मुक्ति दवा खिलाई गई। गैर-पंजीकृत तथा स्कूल न जाने वाले बच्चों को आशा कार्यकर्ता नजदीकी आंगनबाड़ी केन्द्रों पर दवा खिलाई । जो बच्चे बीमार हैं या कोई अन्य दवा ले रहें हैं, उन्हें एल्बेंडाजोल नहीं खिलाई गई। नोडल अधिकारी ने बताया कि किसी कारण गुरुवार को जो बच्चे दवा नहीं खा पाए उनको मॉपअप राउंड 17 अगस्त को दवा खिलाई जाएगी।
*क्यों जरूरी है दवा खाना :-*
नोडल अधिकारी ने बताया कि बच्चे अक्सर कुछ भी उठाकर मुंह में डाल लेते हैं या फिर नंगे पांव ही संक्रमित स्थानों पर चले जाते हैं। इससे उनके पेट में कीड़े विकसित हो जाते हैं। अगर यह कीड़े पेट में मौजूद हैं तो बच्चे के आहार का पूरा पोषण कृमि हजम कर जाते हैं। इससे बच्चा शारीरिक व मानसिक रूप से कमजोर होने लगता है। बच्चा धीरे-धीरे खून की कमी (एनीमिया) समेत अनेक बीमारियों से ग्रस्त हो जाता है। कृमि से होने वाली बीमारियों से बचाव के लिए यह दवा (एल्बेंडाजोल) एक बेहतर उपाय है। इसे खाकर पेट के कीड़े निकल जाते हैं। जिन बच्चों के पेट में पहले से कृमि होते हैं उन्हें कई बार कुछ हल्के प्रतिकूल प्रभाव हो जाते हैं। जैसे हल्का चक्कर, थोड़ी घबराहट, सिर दर्द, दस्त, पेट में दर्द, कमजोरी, मितली, उल्टी या भूख लगना। इससे घबराना नहीं है। इस अवसर पर जिला क्षय रोग अधिकारी डॉ आनन्द कुमार, डॉ संतोष पाण्डेय, जिला कार्यक्रम प्रबंधक डॉ आर बी यादव, राजकीय बालिका इंटर कॉलेज के प्रधानाचार्य श्रीमती अलका पाण्डेय एवं शिक्षिकाएं उपस्थित रहीं।
By Dhiraj Singh
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