दूरदर्शन एवं आकाशवाणी रेडियो गायक कलाकार, बिरहा जगत के भीष्म पितामह पंडित परशुराम यादव का हृदयगति रुकने से निधन, शोक
बलिया। दूरदर्शन एवं आकाशवाणी रेडियो गायक कलाकार, बिरहा जगत के भीष्म पितामह व नसीरपुर मठ (कोटवा नारायणपुर) निवासी पंडित परशुराम यादव (67 वर्ष) का निधन गुरुवार के दिन वाराणसी के एक अस्पताल में इलाज के दौरान हृदयाघात से हो गया। उनके निधन से पूरे बिरहा जगत में शोक की लहर व्याप्त है।
पंडित परशुराम यादव के शिष्य एवं गायक, गीतकार बब्बन विद्यार्थी ने कहा कि बिरहा जगत में एक अलग पहचान रखने वाले पंडित परशुराम यादव का निधन बिरहा जगत के लिए अपूरणीय क्षति है। उन्होंने अपने बिरहा के माध्यम से हमेशा समाज को सामाजिक, धार्मिक, शैक्षिक ऐतिहासिक व राजनीतिक संदेश देने का काम किया। वे हमेशा कहा करते थे कि भोजपुरी भाषा में अश्लीलता का कोई स्थान नहीं है। उनके द्वारा गाई गई कुछ गीते जैसे- केहू-केहू के बूझल गरीबी के ना, केहू उनके रोवावल त का हो गईल... चंचल चिरई कठफोरनी के जइसन चोंच गड़ावेली, मोरा दिल में खोंता बनावेली... विचारों के संगम का पुतला है मानव... केहू परहित में जीवन बितावे, त केहू स्वारथ में अनहित करेला... सदैव लोगों के जेहन में रहेगा। उनकी कमी सदैव कलाकारों को खोलती रहेगी। इनके निधन पर राजेश पाठक, गणेशजी सिंह, सत्येंद्र सिंह, आदित्य पाठक, पन्नालाल गुप्ता, अशोक मधुकर, पिंटू ठाकुर, सरल पासवान, रफीक शाह आदि कलाकारों ने गहरा शोक प्रकट किया है।
By Dhiraj Singh
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