14 लाख के नकली नोट के साथ तीन लोग गिरफ्तार
लखनऊ। उत्तर प्रदेश के मऊ जिले में नकली नोटों का कारोबार करने वाले गिरोह के तीन सदस्यों को पुलिस ने कोपागंज थाना क्षेत्र के काछीकला अंडरपास से शनिवार को गिरफ्तार किया है। पुलिस ने इनके पास से 14 लाख रूपये के नकली नोट के साथ नकली नोट छापने में शामिल होने वाले तीन रिम कागज, एक प्रिमियम प्रिन्टिग मशीन भी बरामद किया। साथ ही लोगों को झांसा देकर नकली नोट देकर असली नोट के रूप में बरामद एक लाख की असली नकदी भी बरामद किया। पुलिस ने तीनों आरोपियों का संबंधित धाराओं में मुकदमा दर्ज कर चालान कर दिया।
रविवार को पुलिस लाइन सभागार में प्रेसवार्ता में पुलिस अधीक्षक अविनाश पांडेय ने पुलिस को मिली इस बड़ी सफलता की जानकारी दी। बताया कि जिले में अपराधियों को लेकर इन दिनों विशेष अभियान चलाया जा रहा है।इसीक्रम में एसओजी/स्वाट/सर्विलांस टीम तथा कोपागंज पुलिस द्वारा काछीकला अंडरपास के मिले इनपुट के आधार पर चेकिंग अभियान चलाया जा रहा था। इस दौरान एक स्वीफ्ट कार सवार ने पुलिस टीम को देखकर रूकने के बजाए भागने की कोशिश की, लेकिन घेराबंदी के चलते थोड़ी दूर पीछा कर पुलिस ने उसे पकड़ लिया। जांच के दौरान कार से प्लास्टिक के तीन झोले में 14 लाख 11 हजार मूल्य के नकली नोट बरामद किया। वहीं 1 लाख 17 हजार 400 मूल्य के असली नोट बरामद किया।जब शक होने पर पुलिस ने कार की डिक्की की जांच की तो छुपा कर रखा एक प्रिमियर प्रिन्टर मशीन, तीन रिम पेपर बरामद हुआ। बताया कि पूछताछ के दौरान पकड़े गए आरोपियों की पहचान अंकुर कुमार बिन्द उर्फ रवि पुत्र रामकृत राम निवासी हाटा थाना युसुफपुर मुहम्मदाबाद जनपद गाजीपुर, सुरेन्द्र सागर सिंह सोनकर उर्फ रविन्द्र पुत्र अर्जुन प्रसाद निवासी तकिया थाना राबर्टसगंज जनपद सोनभद्र तो कुणाल यादव पुत्र गरजू यादव निवासी कान्दर थाना सैदपुर जनपद गाजीपुर के रूप में हुई।पुलिस ने कोपागंज थाना में तीनों के विरुद्ध 420,498ए,489बी,489सी,489डी भादवि0 तथा धारा 3/7 आरबीआई एक्ट का मुकदमा दर्ज कर चालान कर दिया।
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जेल में हुई दोस्ती, फिर नकली नोटों को बनाने में जुट गए तीन दोस्त
एसपी ने बताया कि बरामद नकली नोट का मास्टर माइंड अंकुर बिन्द है। जो कि पहले भी सोनभद्र से जेल जा चुका है, इस दौरान ही जेल में अंकुर की मुलाकत सुरेंद्र और कुणाल से हुई।
जहां इन तीनों में दोस्ती हो गयी, जमानत के बाद अंकुर ने यू-ट्यूब पर जाली नोट बनाने का तरीकों को देखकर जाली करेंसी बनाने लगे, धीरे-धीरे कई लाख रुपये छापकर वह अपने दोस्त कुणाल और सुरेन्द्र के माध्यम से आस-पास के जनपदों में खपाने लगे।आरोपी जिले जिले में भी जाते है, वहां जनता को धोखे से फर्जी नोट देकर असली नोट ले लेते है। बताया कि पकड़े जाने से पहले वह गोरखपुर में ही नकली नोटों को खपाने की योजना बनाकर निकले थे, लेकिन पुलिस की गिरफ्त में आ गए।
डेस्क
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