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श्री मद्भागवत कथा ज्ञान यज्ञ : भक्तों के विश्वास की रक्षा परमात्मा स्वयं करते हैं : संत बालक दास





गड़वार (बलिया) स्थानीय क्षेत्र के कोड़रा गांव स्थित सत्संग भवन में चल रहे श्री मद्भागवत गीता ज्ञान यज्ञ में बड़ी संख्या में भक्तगण कथा का श्रवण करने पहुंच रहे हैं, आकर्षक पंडाल के सजावट के बीच कथा वाचक संत बालक दास के मुखारविंद से रोजाना प्रेम धारा की वर्षा हो रही हैं। उन्होंने भागवत गीता पढ़ने के लिए लोगों को प्रेरित करते हुए कहा कि,कथा के श्रवण,पठन व चिंतन से हृदय में भगवान की भक्ति प्रकट होती है। उन्होंने कहा कि भागवत के रहस्य को समझना चाहिए।स्थूल शरीर,सुक्ष्म शरीर, कारण शरीर यह तीन शरीर हम धारण करते हैं,तन स्थूल,मन सुक्ष्म और कारण द्वारिका हैं। स्थूल शरीर से सुक्ष्म शरीर के पास अधिक शक्ति होती है,मन अगर कमजोर है तो चाहे तन कितना भी मजबूत हो हम भयभीत रहेंगे। इसलिए कभी-कभी बलशाली आदमी भी डरता हैं और दुबला पतला आदमी भी डरवाता है। क्योंकि,उसका मन मजबूत रहता है। इसलिए हमें प्रभु से मन की मजबूती के लिए नित्य प्रार्थना व आराधना करनी चाहिए।खुद को भगवान से जोड़ें। उन्होंने कहा कि भागवत गीता के ज्ञान को जो आत्मसात करते हैं वह मरते नहीं ब्रह्मलीन हो जाते हैं। उन्होंने कहा कि भक्तों के विश्वास की रक्षा परमात्मा स्वयं करते है। बाबा अनानानंद जी महाराज ने बताया कि कथा प्रतिदिन दोपहर एक बजे से तीन बजे एवं सायंकाल पांच बजे से देर शाम तक चल रही है। कथा का समापन एवं भंडारा आठ अक्टूबर को सम्पन्न होगा। कथा को सफल बनाने में प्रेम नारायण पाण्डेय, इं.तारकेश्वर पाण्डेय,डा० मानवेन्द्र पाण्डेय, मारकण्डेय सहित क्षेत्रीय लोगों का अपार सानिध्य मिल रहा है।



रिपोर्ट : धनेश पाण्डेय

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