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भागवत कथा ही गीता का साक्षात स्वरूप : संत बालक दास

 



श्रीमद्भगवद्गीता गीता ज्ञान यज्ञ का भव्य आयोजन 23 सितम्बर से


रतसर (बलिया) भगवान कृष्ण की वाणी गीता गुरु शिष्य संवाद है। अर्जुन ने अपने आप को भगवान को समर्पित कर दिया। अर्जुन ने कहा कि हे अच्युत आपकी कृपा से मेरा सारा मोह नष्ट हो गया। मुझे स्मृति हुई है। मेरा अज्ञान नष्ट हो गया, मै ज्ञानी हो गया हूं। उक्त बातें गड़वार क्षेत्र के कोड़रा स्थित सत्संग भवन में बुधवार को भगवान श्री कृष्ण के जन्म दिवस के उपलक्ष्य में श्री मद्भागवत गीता ज्ञान यज्ञ के आयोजन के अवसर पर क्षेत्र के प्रसिद्ध संत बालक दास ने कही। उन्होंने बताया कि हम सभी को अगर ज्ञानी बनना है तो मोह खत्म करना होगा। भेदभाव खत्म करना होगा। गीता जो शुद्ध ग्रंथ है उसका आश्रय लेना पड़ेगा। कार्यक्रम के बारे में जानकारी देते हुए बताया कि 23 सितम्बर से गीता ज्ञान यज्ञ शुरू होगी और 8 अक्टूबर को समापन किया जाएगा। वहीं भव्य भंडारे के अवसर पर गीता ग्रन्थ का वितरण किया जाएगा। इस अवसर पर अनाम बाबा सहित क्षेत्र के अन्य गणमान्य लोग मौजूद रहे।



रिपोर्ट : धनेश पाण्डेय

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