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दस वर्ष बाद आंगन में गूंजीं किलकारियां तो मां के दरबार में टेका मत्था



बलिया। इसे चमत्कार कहे या मां काली की कृपा, लेकिन हैं हकीकत तभी तो बिहार के रोहतास जनपद के तपिया बाजार  निवासी गीतांजलि देवी पत्नी राकेश रंजन गुप्ता को जब मेडिकल साइंस ने मां बनने में अक्षम होने की बात कह कर निराश कर दिया था तब पकड़ी काली धाम की काली मां की कृपा और मंदिर के पुजारी रामबदन भगत द्वारा दिए गए औषधि के प्रभाव से 10 वर्ष बाद उसकी सूनी गोद भर गई और आंगन में किलकारियां गूंजने लगी।



बच्चा होने के उपरांत गीतांजलि देवी जब मां काली के दरबार में पूजा चढ़ाने आईं तो उसने बताया कि बच्चे की चाह में उसने पटना, वाराणसी समेत तमाम बड़े चिकित्सकों के पास गई और इलाज कराया, लेकिन हर जगह उसे निराशा हाथ लगी। इसके बाद तो उसने उम्मीद ही छोड़ दी। इसी दौरान किसी ने उसे पकड़ी भूमि स्थित काली मंदिर जाने की सलाह दी। तब वह पकड़ी धाम स्थित काली मंदिर पहुंची और मंदिर के पुजारी और मां काली के अनन्य उपासक रामबदन भगत से अपनी समस्या बताई। उसकी व्यथा सुन पुजारी ने पहले उन्हें मां का प्रसाद दिया और  बकाया और फूल वाली औषधियां देते हुए डेढ़ माह तक उसके नियमित प्रयोग की सलाह दी। गीतांजलि बताती हैं कि इसके बाद मानों चमत्कार सा हुआ हुआ और दो माह बाद उसका गर्भ ठहर गया और आज गोद में बच्चा खेल रहा हैं।



डेस्क


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