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श्रीमद् भागवत कथा के श्रवण मात्र से हो जाता है उद्धार : संत बालक दास




रतसर (बलिया) स्थानीय क्षेत्र के कोड़रा गांव स्थित सत्संग भवन में चल रहे श्रीमद् भागवत गीता ज्ञान यज्ञ में सोमवार को भगवान श्री कृष्ण की जन्म कथा का प्रसंग सुनकर श्रद्धालु भाव विभोर हो उठे। कथा व्यास संत बालक दास ने कहा कि भगवान श्रीकृष्ण ने अपने भक्तों का उद्धार व पृथ्वी को दैत्य शक्तियों से मुक्त कराने के लिए अवतार लिया था। उन्होंने कहा कि जब-जब पृथ्वी पर धर्म की हानि होती है, तब-तब भगवान धरती पर अवतरित होते हैं। 26 सितम्बर से चल रही कथा के चौदहवें दिन भगवान श्रीकृष्ण के जन्म का प्रसंग व उनके जन्म लेने के गुढ़ रहस्यों को कथा व्यास ने बेहद संजीदगी के साथ सुनाया। कथा प्रसंग सुनाते हुए कथा व्यास ने बताया कि जब अत्याचारी कंस के पापों से धरती डोलने लगी,तो भगवान कृष्ण को अवतरित होना पड़ा। सात संतानों के बाद जब देवकी गर्भवती हुई,तो उसे अपनी इस संतान की मृत्यु का भय सता रहा था। भगवान की लीला वे स्वयं ही समझ सकते हैं। भगवान कृष्ण के जन्म लेते ही जेल के सभी बंधन टूट गए और भगवान श्रीकृष्ण गोकुल पहुंच गए। कथा का संगीतमयी वर्णन सुन श्रद्धालुगण झूमने लगे। कथा प्रतिदिन दोपहर एक बजे से तीन बजे एवं सायंकाल पांच बजे से देर शाम तक चल रही है।कथा का समापन एवं भंडारा 15 अक्टूबर को होगा। इस दौरान अनाम बाबा,राजेश मिश्रा सहित क्षेत्रीय लोगों का सहयोग मिल रहा है।


रिपोर्ट : धनेश पाण्डेय

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