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शरद पूर्णिमा पर ग्रहण, इस बार नहीं बनेगी खीर

 



14 अक्तूबर को पड़ा था सूर्यग्रहण अब 28 हो शरद पूर्णिमा, 30 साल बाद ऐसा अवसर आया


रात में मंदिर के पट रहेंगे बंद दिन में पूरे होंगे अनुष्ठान




बलिया। 30 सालों के बाद शरद पूर्णिमा पर चंद्रग्रहण का संयोग बन रहा है जो भारत में दृश्यमान होगा। शरद पूर्णिमा पर चंद्रग्रहण की छाया पड़ने के कारण इस साल अमृत नहीं बरसेगा। सूतक लगने से शरद पूर्णिमा के सभी अनुष्ठान दिन में ही होंगे।

फेफना थाना क्षेत्र के थमह्नपुरा गांव निवासी ज्योतिषाचार्य पंडित डॉ अखिलेश उपाध्याय ने बताया कि सर्व पितृमोक्ष अमावस्या के दिन 14 अक्तूबर को सूर्यग्रहण पड़ा था और शरद पूर्णिमा 28 अक्तूबर को चंद्रग्रहण रहेगा। सूर्यग्रहण भारत में दिखाई नहीं दिया। इसलिए इसका सूतक जिले में प्रभावी नहीं हुआ। पितृमोक्ष अमावस्या के दिन सभी प्रकार के आयोजन हुए। 

डॉ उपाध्याय ने बताया कि इस चार शरद पूर्णिमा का पर्व चंद्रग्रहण के प्रभाव में मनाया जाएगा। इस दिन चंद्रग्रहण रहेगा, जो भारतवर्ष में दिखाई देगा। चंद्रग्रहण मध्यरात्रि चंद्रमा की शीतल रोशनी में पड़ेगा और इसका सूतक दोपहर बाद से ही प्रारंभ हो जाएगा। ऐसे में शरद पूर्णिमा पर पूजा अर्चना सहित अन्य कार्यक्रम दिन में ही आयोजित किए जाएंगे। चंद्रमा की शीतल रौशनी में बनने वाली खीर भी इस बार ग्रहण के कारण मध्यरात्रि में नहीं बन पाएगी। ऐसे में ग्रहण समाप्ति के बाद ही खीर बना सकेंगे। ऐसा 30 वर्ष बाद हो रहा है। डॉ उपाध्याय ने बताया कि बताया कि यह ग्रहण अश्विनी नक्षत्र एवं मेष राशि पर होगा। ग्रहण का प्रारंभ ईशान कोण से होगा और मोक्ष चंद्रमा के अग्नि कोण पर होगा। एक पखवाड़े में दो ग्रहण शुभ नहीं माने जाते हैं।

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शरद पूर्णिमा के दिन शुभ मुहूर्त 

आश्विन मास के शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा तिथि का आरंभ 28 अक्तूबर सुबह चार बजकर 17 मिनट पर होगा। इसके बाद 29 अक्तूबर रात्रि 01:53 मिनट पर ये समाप्त होगा।

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किस राशि पर क्या प्रभाव 

शुभ-कर्क, मिथुन, वृश्चिक, धनु, कुंभ 

मध्यम- सिंह, तुला, मीन 

अशुभ- मेष, वृष, कन्या, मकर

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चंद्रग्रहण का समय

ग्रहण का स्पर्श रात- 1:05 बजे 

ग्रहण का मध्य रात्रि - 1:44 बजे 

ग्रहण का मोक्ष रात्रि 2:24 बजे 

ग्रहण का सूतक दोपहर 4:05 बजे

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शरद पूर्णिमा पर खीर खाने का लाभ

हिंदू धर्म में चांद का भी अधिक महत्व होता है और शरद पूर्णिमा के दिन चाँद की रोशनी पड़ने से हमारे जीवन में शांति आती है। चांद की रौशनी को हमारे स्वास्थ्य के लिए भी लाभकारी माना जाता है। इसलिए इस रात आसमान के नीचे खीर बनाकर रखी जाती हैं। बाद में इसका सेवन करने से हमें औषधीय गुण भी प्राप्त होते हैं।



By- Dhiraj Singh

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