भूमि पूजन व नारद मोह के मंचन के साथ शहीद मंगल पाण्डेय के गांव में रामलीला प्रारंभ
दुबहर, बलिया । आदर्श रामलीला कमेटी नगवा के मंच पर बुधवार की रात रामलीला के दौरान 'नारद मोह' का मंचन किया गया। इसके पूर्व जगद्गुरु डा० जयगणेश चौबे जयकांताचार्य ने मंत्रोचार के बीच अरुणेश पाठक एवं अजीत पाठक के हाथों भूमि पूजन संपन्न कराई। भगवान विष्णु की आरती लगी, इसके बाद प्रधान प्रतिनिधि भुवनेश्वर पासवान ने फीता काटकर रामलीला का शुभारंभ कराया।
नारद मोह की लीला में, नारद हिमालय की कंदरा में बैठकर तपस्या करने लगे। इसे देख इंद्र को भय हो गया कि नारद तपस्या के बल पर हमारा सिंहासन प्राप्त करना चाहते हैं। इंद्र अपने सखा कामदेव को नारद की तपस्या भंग करने को भेजते हैं। तपस्या भंग नहीं हुई तो कामदेव हार मान गए। इस पर नारद को घमंड हो गया कि मैंने कामदेव को जीत लिया। यह बात ब्रह्मा और शंकर से जाकर बताएं। इधर भगवान विष्णु ने नारद के घमंड को जानकर माया का एक नगर बनाकर शील निधि राजा की पुत्री का स्वयंवर कराते हैं। नारद कन्या के हाथ को देखकर मोहित हो जाते हैं। नारद ने विष्णु से प्रार्थना कर सुंदर रूप की मांग करते हैं। इस पर भगवान विष्णु ने उन्हें बंदर का रूप दे दिया। जब नारद को पता चला की विष्णु ने बंदर का रूप दिया है तो वे क्रोधित होकर विष्णु को श्राप दे देते हैं। नारद की भूमिका में हरेराम पाठक ब्यास एवं विश्व मोहिनी की भूमिका में कुमारी अंकिता यादव रही।
इस मौके पर जितेंद्र पाठक, लालू पाठक, अनिल पाठक, राधा कृष्ण पाठक, गोविंद पाठक, हरिशंकर, कल्लू पाठक, राज नारायण पाठक, नंदलाल, भोला, आदित्य, लभेंद्र, धर्मेंद्र पाठक आदि मौजूद रहे।
रिपोर्ट:-नितेश पाठक
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