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भागवत कथा का भक्तो ने किया रसपान

 


मनियर, बलिया ।श्रीमद् भागवत कथा कस्बा स्थित पूरब टोला में सिद्धि उत्सव वाटिका में एक नवंबर से आठ नवंबर तक  चलने वाले श्रीमद् भागवत कथा के दुसरे दिन गुरूवार की रात कथावाचक वेद प्रकाश पांडेय ने भागवत कथा की चर्चा करते हुए  कहा कि दुर्योधन के कहने पर अश्वस्थामा ने सोते समय पांचो पांडवों का सर काटने का निर्णय लिया। कड़ाके की ठंड पड़ रही थी। द्रोपती अपने पांच पुत्रों को ठंड से बचाने के लिए गरम कपड़ा रजाईओढा़कर बच्चों को सुलाई थी। अश्वस्थामा पांच पांडवों की जगह उनके पांच बच्चों की हत्या कर दी। क्योंकि रजाई में होने की वजह से अश्वस्थामा नहीं पहचान पाया कि ये पांडव है या छोटे बच्चे। इसके बाद कपड़े में लपेटकर अश्वस्थामा ले गया। दुर्योधन पहले खुश हुआ कि पाँचो पाण्डव मारे गये बाद में देखा कि यह छोटे बच्चों का सिर है तो उसे बहुत दु:ख हुआ। दुर्योधन का बर्दान था कि हर्ष और दु:ख जब एक साथ होगा तभी उसकी मौत होगी । इसके बाद जब पांडव  पहुंचे और द्रोपती के करुण क्रदन  देखकर प्रतिज्ञा की कि अश्वस्थामा को पकड़कर उसको मृत्यु दंड दिया जाएगा। पांडव अश्वस्थामा को पकड़ लिया और द्रौपदी के सामने प्रस्तुत किया लेकिन द्रोपदी ने कहा कि ये मेरे गुरु का पुत्र है।इसका वध नहीं कर सकता। उस समय श्री कृष्णा आए और कहे कि ब्राह्मण का हत्या न करके उसका अपमान भी अगर कर दिया जाए तो वह वध के समान होता है ।तो पांडव अश्वस्थामा का सिर मूड़ाकर व सिर मणि निकालकर  अपमानित किया ।कथा वाचक ने  कहा कि भारत की माताएं कितनी धन्य है कि अपने पांच पुत्र की हत्या के बावजूद भी गुरु के पुत्र की हत्या नहीं करती है। उन्हें क्षमा कर देती है। इस मौके पर देवी देवता की भी झांकी प्रस्तुत की गई । कथावाचक वेद प्रकाश पांडेय रहे। तबला वादक वीरेंद्र चौहान तथा बैंजो पर अभिषेक शर्मा रहे। कार्यक्रम के आयोजक राघव उपाध्याय, वीरेंद्र उपाध्याय ,श्री प्रकाश उपाध्याय, राजेंद्र उपाध्याय, कृष्ण उपाध्याय तथा सहयोग में मुकेश जी ,ज्ञान प्रकाश पाठक पुजारी रहे।




प्रदीप कुमार तिवारी

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