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ऐतिहासिक धनुषयज्ञ मेले का उद्घाटन संत रामबालक बाबा के शिष्य ईश्वरदास मौनी बाबा ने फीता काटकर किया

 




बलिया : संत शिरोमणि सुदिष्टबाबा के समाधि स्थल के पास ऐतिहासिक धनुषयज्ञ मेले का उद्घाटन संत रामबालक बाबा के शिष्य ईश्वरदास मौनी बाबा ने मेले के चौक पर फीता काटकर व धर्मध्वज फहराकर किया। मेला अध्यक्ष व कोटवा के प्रधान वन्दना गुप्ता ने कहा कि इस मेले के धार्मिक व आध्यात्मिक महत्व के साथ ही आर्थिक महत्व भी है। यहाँ लोगों को रोजगार के अवसर मिलते हैं मेले में स्वच्छ जल के साथ ही स्वास्थ्य पर पैनी नजर रखी जा रही है । मेले में साफ सफाई की बेहतर व्यस्था कराई गई है ताकि जो श्रद्धालु मेला से वापस लौटे तो एक अच्छी अनुभूति लेकर जाए ।मेले में चारो तरफ प्रकाश की व्यस्था की गई है । मौके पर भाजपा के पूर्व जिलाध्यक्ष जयप्रकाश साहू,प्रधानप्रतिनिधि रोशन गुप्ता,बेलहरी ब्लाक के एडीओ पंचायत मनोज कुमार गुप्ता, मिथलेश सिंह,उमेश कुमार गुप्ता,विवेकानन्द गिरी,परसुराम प्रसाद,रामलक्षमण सिंह, संतोष सनातनी, मिथिलेश सिंह मुखिया, राजन सिंह ग्राम पंचायत के समस्त सदस्यगण आदि उपस्थित रहे।



 दर्शनार्थियों की भारी भीड़



बलिया : संत सुदिष्टबाबा के समाधि स्थल पर रात्रि को एक बजे ही साधु संतों के पूजा अर्चना के बाद बाबा के जयकारों से सुदिष्टपुरी क्षेत्र गूंज उठा।रविवार को बाबा के दर्शन करने के लिए करीब दो लाख श्रद्धालुओं की भीड़ दोपहर तक उमड़ी रही।

सुदिष्टबाबा के समाधि पर मत्था टेकने के लिए शनिवार की शाम को ही करीब 25 हजार महिला व पुरुष श्रद्धालु बाबा के आश्रम पर पहुचकर कल्पवास किये थे।वही आधी रात को ही बाबा की जयकारा गूंजना शुरू हो गया।सुबह होते-होते सुदिष्टबाबा के तरफ जाने वाले रास्तों पर महिलाएं व पुरुषों की भीड़ देखते बन रही थी।श्रद्धालु बाबा के दर्शन के बाद साधु-संतों से आशीर्वाद लेने के अलावे आटा-चावल,लौकी आदि समाग्री दान किये।संतनगर में साधु-संतों का जमावड़ा लगा रहा।

रामबालक बाबा ने सन्तनगर का उद्घाटन किया। संत मौनी बाबा ने कहा संत सुदिष्ट बाबा एक महान संत के साथ ही समाज सेवा में भी रुचि रखते थे संत होते हुए भी उन्होंने दर्जनों ऐसे कार्य किये जो समाज हित मे था।कहा जाता है कि रानीगंज भागड़ नाले पर पुल का निर्माण सुदिष्ट बाबा ने ही करवाया था साथ ही दर्जनो शिवालयों के अलावा अपने गांव में बच्चों के शिक्षा के लिए एक स्कूल का भी निर्माण किया था। इन सब कार्यों में तत्कालीन अंग्रेज जिलाधिकारी रॉबर्ट का सहयोग उन्हें मिला था।वही संत सुदिष्ट बाबा में विश्वास रखने वाले लोगों का आज जुटान उनके समाधि के समीप शुरू हो गया है सैकड़ों की संख्या में श्रद्धालु व साधु संत समाधि स्थल पर पहुंच रहे हैं मान्यता है कि पंचमी के एक दिन पूर्व जो भी सच्चे मन से बाबा के शरण में पहुंच जाता है और रात भर टिकान करता है उसकी मनोकामना बाबा पूर्ण करते हैं।




कई महिलाओ का जेवरात चोरी



बैरिया (बलिया) : संत सुदिष्टबाबा के समाधि स्थल के पास से बार-बार ध्वनियंत्र द्वारा दर्शनार्थियों से अनुरोध किया जाता रहा कि कई महिलाओं का मंगलसूत्र छीन गया है कृपया सावधान हो जाय,लेकिन महिलाओं के सतर्क नही होने के कारण किसी महिला ने हमारा मंगल सूत्र नोच लिया,तो किसी महिला ने बटुआ गायब होने की बात कहकर रोटी बिलखती मिली।गोपालनगर निवासिनी जानकी देवी पत्नी दिनेश यादव की मंगलसूत्र,श्रीपालपुर निवासिनी गीता देवी पत्नी देवकीनंदन साह की जिउतिया सहित कुल दर्जनभर महिलाओं ने सोने की जेवरात व बटुआ गायब होने की शिकायत किया।



By- Dhiraj Singh

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