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सड़क सुरक्षा पखवाड़ा के द्वितीय चरण का हुआ शुभारंभ

 


*दुर्घटना से बचाव के लिए सड़क सुरक्षा नियमों का पालन जरूरी: दयाशंकर सिंह*




बलिया। जीराबस्ती स्थित संभागीय परिवहन कार्यालय परिसर में उत्तर प्रदेश के परिवहन मंत्री दयाशंकर सिंह के द्वारा सड़क सुरक्षा द्वितीय पखवाड़ा के उद्घाटन समारोह का शुभारंभ किया गया। यह पखवाड़ा 15 दिसंबर से प्रारंभ होकर 31 दिसंबर तक चलेगा। इस दौरान मंत्री ने सड़क सुरक्षा को लेकर अधिकारियों एवं वहां उपस्थित लोगों को शपथ दिलाई और जागरूकता वैन को हरी झंडी दिखाई।


कार्यक्रम को संबोधित करते हुए मंत्री ने कहा कि उत्तर प्रदेश में लगभग हर साल सड़क दुर्घटना से 23 000 मृत्यु होती है। जनसंख्या के लिहाज से हमारा प्रदेश देश में पहले स्थान पर है लेकिन सड़क दुर्घटना में होने वाली मृत्यु में चौथे स्थान पर है। सड़क सुरक्षा को लेकर जागरूकता का जो कार्यक्रम प्रदेश स्तर पर चलाया गया है उसका लोगों पर व्यापक प्रभाव पड़ा है। सड़क दुर्घटना में सबसे ज्यादा प्रभाव 18 से 35 वर्ग के लोगों का है जो कुल सड़क दुर्घटना में होने वाली मृत्यु का 38% है। इसलिए दुर्घटना से बचाव के लिए सड़क सुरक्षा के नियमों का पालन करना जरूरी है। उन्होंने दुर्घटना से प्रभावित होने वाले परिवारों से संबंधित कुछ उदाहरण भी दिए और इसके माध्यम से समझाया कि परिवार के एक सदस्य के जाने से परिवार और राष्ट्र को कितनी क्षति पहुंचती है। परिवहन विभाग के अधिकारियों को स्पष्ट निर्देश दिया कि सड़क सुरक्षा नियमों का उल्लंघन करने वाले वाहन चालकों पर कठोर कार्रवाई सुनिश्चित की जाए, चाहे वो जनप्रतिनिधि ही क्यों ना हो। उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश सरकार सड़क दुर्घटना में जान बचाने वाले लोगों को नगद राशि और प्रशस्ति पत्र भी प्रदान कर रही है। शहर में जगह-जगह सीसीटीवी कैमरे लगाने का प्रस्ताव दिया गया है और सड़कों पर तेज वाहन चलाने वालों के लिए आधुनिक टेक्नोलॉजी से लैस वाहनों की तैनाती की जाएगी। कहा कि सरकार ने 853 000 वाहनों का चालान माफ कर दिया, लेकिन अब सड़क सुरक्षा के लिए वाहन चालकों को पहली बार चेतावनी उसके बाद चालान फिर पेनाल्टी और अगली बार गाड़ी को सीज करने का प्रावधान है। ड्राइवरी लाइसेंस बनाने के नियम भी सख्त और ऑटोनॉमस टेक्नोलॉजी के माध्यम से बनाया जाएगा।


मंत्री ने कहा कि सड़क दुर्घटना से होने वाली मृत्यु दर को कम करना सरकार की शीर्ष प्राथमिकता में है। उन्होंने बलिया के लोगों को ड्राइवर ट्रेनिंग इंस्टिट्यूट खोलने के लिए प्रेरित किया और कहा कि सरकार इसके लिए एक करोड रुपए अनुदान के रूप में सहायता राशि देगी। उन्होंने बेहतर परिवहन के लिए बैरिया में इंटर स्टेट बस टर्मिनल के लिए चिन्हित की गई जमीन का भी जिक्र किया। उन्होंने परिवहन विभाग के अधिकारियों को हेलमेट देने का जन अभियान शुरू करने का निर्देश दिया।


जिलाधिकारी ने कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि आज बड़े सौभाग्य की बात है कि प्रदेश के परिवहन मंत्री की उपस्थिति में यह महत्वपूर्ण सड़क सुरक्षा पखवाड़ा कार्यक्रम आयोजित किया जा रहा है। कहा कि मंत्री जी सड़क दुर्घटना को लेकर अधिकारियों के साथ वर्चुअल कॉन्फ्रेंस करते रहते हैं।  सड़क सुरक्षा जागरूकता कार्यक्रम बहुत ही महत्वपूर्ण और गंभीर विषय है। सड़क दुर्घटना में होने वाली अधिकतर मृत्यु वाहन चालकों की असावधानी और सुरक्षा संबंधी मानकों को पूरा न करने की वजह से होती है। कहा कि अभिभावकों को बच्चों को गाड़ी चलाने सीखाने से ज्यादा महत्वपूर्ण समय रहते गाड़ी रोकने सिखाना बहुत जरूरी है, वे गाड़ी की रफ्तार इतनी रखें कि दुर्घटना के समय महत्तम बचाव हो सके। उन्होंने कहा कि हमें अपने आपको सतर्क रखना बहुत जरूरी है दूसरों की गलती की वजह से भी बहुत सड़क दुर्घटनाएं होती है। उन्होंने कहा कि मंत्री जी के प्रयासों से जिला अस्पताल में ट्रामा सेंटर के लिए चार डॉक्टर नियुक्त हो गए हैं, यहां पर सड़क दुर्घटना से प्रभावित लोगों को गोल्डेन आवर में इलाज सुनिश्चित हो सकेगा। इस कार्यक्रम में एसपी एस आनंद, मुख्य चिकित्सा अधिकारी विजयपथ द्विवेदी,अपर पुलिस अधीक्षक दुर्गा प्रसाद तिवारी, सहायक संभागीय परिवहन अधिकारी अरुण कुमार राय सहित अन्य अधिकारी एवं नगरपालिका अध्यक्ष संत कुमार गुप्ता उर्फ मिठाई लाल सहित अन्य जनप्रतिनिधि मौजूद थे।


By-Dhiraj Singh 

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