टमाटर का बाजार गिरने से उत्पादक मायूस
बलिया : टमाटर सेंसेक्स गिरने से टमाटर उत्पादक किसानों में मायूसी के साथ हलचल पैदा हो गयी है।इस सीजन मे लगातार टमाटर के सेंसेक्स मे गिरावट से किसान परेशान है।किसानो का कहना है कि बाजार इसी तरह गिरता रहा तो किसानों के मेहनत की मजदूरी नहीं निकल पाएगी और किसान कर्ज से नही उबर पायेगें।
बता दे कि सोनबरसा, दलन छपरा जमीन बढ़ी,धतुरी टोला,इब्राहिमाबाद आदि दर्जनों गांव के खेतो में बड़े पैमाने पर टमाटर की खेती होती है। टमाटर किसानों के लिए काफी मुनाफा का खेती पिछले कई सिजन मे साबित होता रहा है, किंतु इस साल दर कम होने के कारण किसान परेशान है।टमाटर की खेती करने वाले सोनबरसा निवासी अजय कुमार,सुबेक सिंह, अजय सिंह, मनोज सिंह, राजकुमार सिंह सहित कई किसानों ने बताया कि एक एकड़ टमाटर की खेती करने में खेत का लगान लेकर के औसतन 40000 खर्च आता है। अगर 100 कुंतल टमाटर हुआ तो लागत निकलने के साथ कुछ फायदा भी हो जाता है। पिछले साल इसी अवधि में टमाटर थोक में 1200 से 1400 रुपए प्रति कुन्तल बिक रहा था। आज के समय में थोक में 700 प्रति कुंतल टमाटर बिक रहा है। एक एकड़ में अगर 100 कुंतल टमाटर होता है, तो 70000 का पैदावार होगा और 40000 उसमें से खर्च हो जाएंगे। छः माह के किसान की मजदूरी के एवज महज 30000 की बचत होगी। जो 5000 प्रति माह पड़ेगा। ऐसे में 5000 वेतन पर इन दोनों चाय पिलाने वाला नौकर भी नहीं मिलता है। जबकि किसान दिन रात हाड़ तोड़ मेहनत कर आज 5000 महीना बचा पा रहा है। किसानों ने बताया कि अगर बाजार उपलब्ध होता और 1500 कुंतल भी टमाटर बिकता तो हम लोग मालामाल होते हैं। किंतु ऐसी स्थिति नहीं है। टमाटर कच्चा सौदा है,और इसके लिए यहां बाजार उपलब्ध नहीं है। व्यापारी बिहार से पिकअप लेकर आते हैं। और कैरेट में टमाटर लाद कर ले जाते हैं। किसानों ने कहा कि सरकार कथनी करनी को सामान बनाते हुए अगर किसानों के लिए बाजार उपलब्ध करा देती तो किसान खुशहाल हो जाते हैं। अगर यही स्थिति रही तो अगले साल किसान टमाटर की खेती से मुंह मोड़ लेंगे।
By- Dhiraj Singh
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