बलिया के बाराबांध गांव में छ: दशक बाद उच्च न्यायालय ने दिया चकबंदी प्रक्रिया प्रारम्भ करने का निर्देश, ग्रामीणों में खुशी की लहर
गड़वार (बलिया) निकटवर्ती ग्राम पंचायत बाराबांध में उच्च न्यायालय के चकबन्दी की प्रकिया शुरू करने के निर्देश के बाद ग्रामीणों में हर्ष व्याप्त है। बताते चले कि विगत 62 वर्ष पूर्व गांव में चकबंदी हुई थी। उस समय ग्राम पंचायत की आबादी सीमित थी, रिहायशी मकानों की संख्या कम थी परन्तु विगत 62 वर्षों में बहुत कुछ बदलाव हो गया है वर्तमान समय में ग्राम पंचायत चार पुरवो में विस्तारित हो गया है। रास्ते, नाली, जल संचय, खेल का मैदान,चारागाह आदि की समस्याएं पैदा हो गई है। जिसको देखते हुए स्थानीय ग्राम निवासी उत्तर प्रदेश कांग्रेस कमेटी के सदस्य कन्हैया पाण्डेय ने दस वर्ष पूर्व जिलाधिकारी बलिया को प्रार्थना पत्र देकर द्वितीय चक्र की चकबंदी कराने हेतु आग्रह किया था लेकिन कोई सार्थक परिणाम परिणाम न आने पर तत्कालीन चकबंदी आयुक्त को पत्र के माध्यम से चकबंदी कराए जाने हेतु अनुरोध किया जिसके क्रम में चकबंदी आयुक्त ने जिलाधिकारी बलिया से जांच आख्या मंगवा कर अवलोकन करने के बाद तत्कालीन जिलाधिकारी यशवन्त राव ने सकारात्मक आख्या प्रेषित करते हुए शासकीय गजट में प्रकाशित कराने हेतु निर्देश दिया था। परन्तु 9 वर्ष बीत जाने के बावजूद कोई कार्यवाही नहीं की गई तो कांग्रेस नेता ने माननीय उच्च न्यायालय में जनहित याचिका दायर किया था उक्त मामले को संज्ञान लेते हुए न्यायमूर्ति दोनादी रमेश जे और कार्यवाहक मुख्य न्यायधीश मनोज कुमार गुप्ता के डबल बेंच के द्वारा यथाशीघ्र चकबंदी प्रक्रिया शुरू करने हेतु चकबंदी आयुक्त को निर्देशित किया गया है। कन्हैया पाण्डेय के द्वारा आदेश की प्रति चकबंदी आयुक्त को प्राप्त करा दी गई है और चकबंदी आयुक्त के द्वारा यथाशीघ्र प्रक्रिया प्रारम्भ करने का आश्वासन दिया गया है। अब देखना यह है कि विभागीय अधिकारियों के द्वारा चकबंदी प्रक्रिया कब तक शुरू कराई जाती है इसको लेकर ग्रामीण बेसब्री से इंतजार कर रहे है।
रिपोर्ट : धनेश पाण्डेय
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