निराश सीमा के जीवन में आई खुशियों की बहार
बलिया। अब इसे आप क्या कहेंगे, जिस महिला ने हाथ और पैर में हुए घाव के सूखने के लिए तमाम डॉक्टर और दवाओं का सहारा लिया,लेकिन निराशा हाथ लगी। वहीं ,मर्ज पकड़ी धाम स्थित महाकाली मंदिर का प्रसाद खाने और भभूत लगाने मात्र से ठीक हो गया।
आजमगढ़ जिले के गोपालगंज गांव निवासी सीमा पत्नी गजाधर ने बताया कि उसे लंबे समय से हाथ और पैर में फोड़े और फुंसी हो जाती थी और उनमें से मवाद निकलने लगता था। इससे उसका जीवन नर्क हो गया था। बीमारी के इलाज के लिए उसने आजमगढ़ समेत वाराणसी और लखनऊ के चिकित्सकों से उपचार कराया, लेकिन कोई राहत नहीं मिली। तभी उसके मामा के लड़के ने पकड़ी धाम स्थित काली मंदिर जाने और मां की आराधना करने की बात कही। इसके उपरांत वह पकड़ी धाम पहुंची और वहां पुजारी राम बदन भगत से अपनी व्यथा सुनाई इसके उपरांत पुजारी ने उसे घाव पर लगाने के लिए मलहम के साथ ही मां का प्रसाद दिया। सीमा बताती है कि इसके बाद तो किसी अन्य दवा की जरूरत ही नहीं पड़ी और लंबे समय से चली आ रही बीमारी चार-पांच सप्ताह के अंदर ही छूमंतर हो गई।
डेस्क
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