माँ दुर्गा के नौ दिव्य रूपों की आराधना का काल है नवरात्र
गड़वार(बलिया) श्री जंगली बाबा धाम पर चल रहे नौ दिवसीय पाठात्मक शतचंडी महायज्ञ में आचार्यों के सप्तशती पाठ के वाचन से वातावरण भक्तिमय हो गया है।महायज्ञ के संयोजक आचार्य पंडित राहुल उपाध्याय ने भक्तों को दुर्गा सप्तशती व नवरात्रि का महत्व बताया।उन्होंने कहा कि नवरात्र जगतजननी माँ दुर्गा के नौ रूपों की आराधना का काल है।विचारणीय तथ्य यह है कि 13अध्यायों में विभक्त चण्डिका की स्तुति के रूप में ग्राहय 700मंत्र चंडिका के शाब्दिक स्वरूप हैं।इसे सप्तशती स्त्रोत के नाम से जाना जाता है।कहा कि मार्कंडेय पुराण सावर्णिक मन्वन्तर में माँ चंडिका की प्रसन्नता हेतु 13अध्याओं में स्तुतिपरक मंत्र उल्लिखित है जिसे मेधा ऋषि व राजा सुरथ के बीच वार्तालाप में पाया जाता है।मंदिर में पूजन का कार्य पुजारी सुरेश उपाध्याय ने कराया।
रिपोर्ट : धनेश पाण्डेय
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