नागाजी सरस्वती विद्या मंदिर, भोजपुर, बैरिया में धूमधाम से मनाई गई परशुराम जयंती
बलिया : नागाजी सरस्वती विद्या मंदिर, भोजपुर, बैरिया में परशुराम जयंती धूमधाम से मनाई गई। कार्यक्रम का शुभारंभ दीप प्रज्वलन एवं पुष्पार्चन से हुआ। वंदना के उपरांत वक्ता के रूप में प्रधानाचार्य हरिशंकर ने बताया कि सनातन धर्म में परशुराम जयंती बहुत महत्वपूर्ण मानी जाती है। इसी दिन अक्षय तृतीया भी मनाई जाती है और यह शुभ दिन भगवान परशुराम के जन्म का प्रतीक है। उन्हें श्री हरि का छठा अवतार माना जाता है।हर साल वैशाख माह के शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि के दिन परशुराम जयंती मनाई जाती है जो कि इस साल 10 मई 2024 को है. परशुराम जी को परशुराम नाम कैसे मिला और उनके हाथ में मौजूद शस्त्र आखिर क्यों लोकप्रिय है? ग्रंथों के अनुसार सतयुग में जब भगवान विष्णु ने एक ब्राह्मण कुल में जन्म लिया तो उनका नाम राम रखा गया. वह भगवान शिव के परम भक्त थे और शिवजी ने उनकी अराधना से प्रसन्न होकर उन्हे अपना परशु नामक अस्त्र दिया तो उनका नाम परशुराम हो गया. परशु नामक अस्त्र उनका मुख्य अस्त्र बन गया।परशुराम जी अदम्य धैर्य की मूर्ति हैं। उनसे हमें यह शिक्षा मिलती है कि अपनी शक्ति व सामर्थ्य का उपयोग अन्याय के विरुद्ध करना चाहिए। शक्ति अन्याय रोकने के लिए है प्रदर्शन करने के लिए नहीं। शक्ति को अन्याय में लगाने पर हमारा विनाश ही होगा। वे महान पिता भक्त के रूप में भी जाने जाते हैं।मुख्य वक्ता के वक्तव्य के उपरांत बच्चों ने भी अपना-अपना विचार व्यक्त किया।बच्चों तथा शिक्षकों की सहभागिता से कार्यक्रम सफलता पूर्वक सम्पन्न हुआ।
By- Dhiraj Singh
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