फार्मासिस्ट के भरोसे चल रहा ये प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र
चितबड़ागांव, बलिया। नगर पंचायत चितबड़ागांव के उसरौली मौज में स्थित प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र पर वर्षों से चिकित्सक की नियुक्ति नहीं हुई लगभग एक लाख की जनसंख्या पर एकमात्र प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र फार्मासिस्ट और वार्ड बॉय के सहारे चल रहा है ।
नगर पंचायत चितबड़ागांव की लगभग 50 हजार जनसंख्या और क्षेत्र के लगभग एक दर्जन गांवो की 45 हजार जनसंख्या को स्वास्थ्य सुविधाएं प्रदान करने के लिए चितबड़ागांव का एकमात्र प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र केवल दिखावा मात्र बन कर रह गया है। चिकित्सालय पर एक ही पद एमबीबीएस डॉक्टर के लिए सृजित है लेकिन लगभग 3 वर्ष बीत गए कोई एमबीबीएस डॉक्टर नियुक्त नहीं किया गया ।बीच-बीच में कुछ महीनो के लिए आयुष चिकित्सक की नियुक्ति की गई जो सप्ताह में मात्र तीन दिन ही चितबड़ागांव स्वास्थ्य केंद्र पर ड्यूटी कर रहे होते ।लगभग छः माह पूर्व आयुष चिकित्सक की भी सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र नरहीं पर नियुक्ति कर दी गई तब से कोई चिकित्सक विहीन यह चिकित्सालय बना हुआ है। क्षेत्र के गरीब तबके के लोग विवश होकर निजी चिकित्सकों के यहां इलाज करा रहे हैं और उन्हें मोटी रकम देनी पड़ती है । ग्राम पंचायत उसरौली के पूर्व प्रधान अश्विनी कुमार सिंह का कहना है कि कई बार इस आशय का आवेदन मुख्य चिकित्सा अधिकारी को दिया गया लेकिन चिकित्सक की नियुक्ति के संबंध में कोई कार्रवाई नहीं की गई ।क्षेत्र की गरीब जनता झोलाछाप डॉक्टरों के हाथों लुटे जाने को विवश है।
रिपोर्ट अतुल कुमार तिवारी
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