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प्रकृति संरक्षण बहुत जरूरी,वृक्ष लगाए विना नही मिलेगी गर्मी से मुक्ति : फौजी बब्बन पाण्डेय

 



गड़वार (बलिया) विकास होगा तो उसकी जद में आने वाले पेड़ काटे जाएंगे,लेकिन उनकी जगह यदि नए पेड़ तैयार नही किए जाएंगे तो इसी तरह की गर्मी दिनोदिन बढ़ती जाएगी,इसीलिए अब हर व्यक्ति को अपने जीवन में कम से कम पांच पेड़ तैयार करने का संकल्प लेना होगा। ये कहना है जनऊपुर गांव के रहने वाले सेवानिवृत्त फौजी बब्बन पाण्डेय का जिन्होंने 1992 में फौज से सेवानिवृत्ति के बाद इस मर्म को समझा और पेड़ लगाने में जुट गए। बीते तीन दशक में इनके द्वारा अब तक हजारों पेड़ लगाए जा चुके है जो अब हरियाली के साथ छांव देना शुरू कर दिए है। फौज से सेवानिवृत्त के बाद बब्बन पाण्डेय ने पेड़ों की महत्ता को समझा और दैनिक जीवन में जो भी समय बचा उसको पौधारोपण पर खर्च किया। बब्बन पाण्डेय ने प्रेस प्रतिनिधि को बताया कि अब तक नीम,जामुन,पीपल,पाकड़,बरगद समेत कई प्रकार के छायादार पेड़ वे लगा चुके है। जिनमें बड़ी संख्या में उनके द्वारा लगाए पेड़ तैयार होकर जन जीवन को सुगम बनाने का काम कर रहे है। पौधारोपण की धुन में बब्बन पाण्डेय ने अब तक 12 हजार पेड़ लगवाया जिनमें सात हजार के करीब सफलता पूर्वक लहरा रहे है। जनऊपुर में सड़कों के किनारे, खाली पड़ी जमीन पर,विद्यालय के परिसर में,गांधी चबूतरे के आसपास बड़ी संख्या में पौधे लगाकर उन्हें तैयार कर चुके है। उन्होंने लोगों से अपील करते हुए कहा कि प्रकृति का संरक्षण बहुत जरूरी है।प्रदुषण के कारण लोगों को शुद्ध हवा व पानी मिलना दूभर होता जा रहा है। प्राकृतिक संपदा के उपभोग की भी एक सीमा है। ऐसे में हम पृथ्वी को हरा भरा कर आने वाली पीढ़ियों को स्वच्छ वातावरण में सांस लेने का मौका दे सकते हैं।



धनेश पांडेय

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