सनबीम स्कूल बलिया के प्रांगण में हुआ राष्ट्रीय नेत्रदान जागरूकता पखवाड़ा का आयोजन
बलिया : *नेत्रदान है महादान* की तर्ज पर बलिया के सनबीम स्कूल में दिनांक 9 सितंबर 2024 को राष्ट्रीय नेत्रदान जागरूकता पखवाड़ा का आयोजन किया गया। जिसमें विद्यालय के विद्यार्थियों और समस्त विद्यालय परिवार को नेत्रदान संबंधित जानकारी तथा उनके स्वास्थ्य की जांच की गई।
विदित हो कि कार्यक्रम का आयोजन दिव्यांगो के विकास के लिए कार्यरत राष्ट्रीय संगठन *सक्षम* द्वारा किया गया। कार्यक्रम का उद्घाटन बतौर मुख्य अतिथि जिलाधिकारी बलिया प्रवीण कुमार लक्षकार तथा विशिष्ट अतिथि विभाग प्रचारक अंबेस सिंह द्वारा दीप प्रज्ज्वलित कर किया गया।कार्यक्रम को आगे बढ़ाते हुए संगठन के कार्यकर्ताओं ने संवदत्वम संगछत्वम श्लोक का पाठ किया गया। इस अवसर पर विद्यालय की छात्राओं ने स्वागत गीत की प्रस्तुति दी जिसकी सराहना कार्यक्रम में उपस्थित अतिथियों द्वारा की गई।
बता दें कि इस कार्यक्रम में जिले के अनेकों चिकित्सकों ने अपनी महत्वपूर्ण सहभागिता प्रदान करते हुए विद्यालय के विद्यार्थियों तथा सभी विद्यालय के सदस्यों के स्वास्थ्य की जांच की।
जिले के प्रसिद्ध नेत्र विशेषज्ञ डॉ अभिषेक ने विद्यार्थियों को संबोधित करते हुए नेत्रदान के महत्व के विषय में बताया कि नेत्रदान एक महान कार्य है जो कॉर्निया प्रत्यारोपण वाले लोगों का जीवन पूरी तरह से बदलने की क्षमता रखता है।उन्होंने बताया कि देशभर में लाखों लोग है जो कॉर्नियल ब्लाइंडनेस से पीड़ित है। नेत्रदान उन्ही लोगों को आशा की किरण प्रदान करता है।
इसी नेत्रदान के महत्व को लोगों तक पहुंचाने के लिए प्रतिवर्ष 25अगस्त से 9 सितंबर तक इस पखवाड़े का आयोजन किया जाता है।
कार्यक्रम में विद्यालय की प्रधानाचार्या डॉ अर्पिता सिंह ने कहा कि नेत्रदान एक बहुत ही आवश्यक प्रक्रिया है,हमारा एक कदम किसी की जिंदगी में खुशहाली ला सकता है,उसे रोशनी दे सकता है, अतः हमारा कर्तव्य है कि हम अन्य लोगों को भी इस दान के लिए जागरूक करें।
कार्यक्रम में सक्षम संगठन के प्रांतीय आई टी सेल प्रमुख गोरक्ष प्रांत अजय तिवारी, नगर अध्यक्ष डॉ अरविंद सिंह,संपर्क प्रमुख राजेश महाजन, मीडिया प्रभारी कृपाशंकर दुबे आदि का योगदान सराहनीय रहा।
इस कार्यक्रम को विद्यालय में विधिवत संपन्न कराने में विद्यालय प्रशासक संतोष कुमार चतुर्वेदी, विद्यालय डीन शहर बानो, हेडमिस्ट्रेस नीतू पाण्डेय आदि की भूमिका महत्वपूर्ण थी।
By- Dhiraj Singh
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