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शतचण्डी महायज्ञ : यज्ञ मंडप का परिक्रमा बहुत बड़ा दैहिक तप है : सुश्री नीलेश शास्त्री




गड़वार (बलिया) क्षेत्र के बभनौली गांव स्थित मां काली धाम परिसर में चल रहे शतचंडी महायज्ञ के दूसरे दिन शुक्रवार को विधिपूर्वक मण्डप पूजन-अर्चन किया गया। इस दौरान यज्ञ मंडप में उमड़े भक्तों ने मंत्रों के बीच यज्ञ कुंड में आहुति डाली और ईश्वर से परिवार के कल्याण के लिए मंगल कामना की। इस दौरान भक्तों के जयकारें से पूरा यज्ञ मंडप गूंज उठा। कानपुर से पधारी कथावाचिका सुश्री नीलेश शास्त्री ने प्रवचन में कहा कि शक्ति स्वरूपा की श्रद्धा व आस्थापूर्वक पूजा-पाठ करने से मानव के कष्ट दूर हो जाते हैं। यज्ञ मंडप का परिक्रमा बहुत बड़ा दैहिक तप है। ऐसा तप का महत्व शास्त्रों में विस्तृत रूप से वर्णित है। महर्षि गण ने तो यहां तक कहा है कि यज्ञशाला के परिक्रमा करने में एक-एक पग डालते रहने से समूल बाधा का नाश हो जाता है और सभी तीर्थों का फल भक्त को प्राप्त हो जाता है। शतचण्डी महायज्ञ का वर्णन आज से नहीं बल्कि सतयुग, द्वापर और त्रेता से ही कृपासाध्य रहा है। सुबह शाम उमड़ने वाले भक्त यज्ञ मंडप की परिक्रमा करने के साथ ही यज्ञ अनुष्ठान में शामिल हो रहे हैं। वहीं शाम को नीलेश शास्त्री ने संगीतमय कथा सुनाकर भक्तों को भाव विभोर कर दिया।यज्ञ अनुष्ठान के कारण काली मंदिर सहित यज्ञ स्थल पर भक्तों की चहल-पहल से मेले जैसा दृश्य उपस्थित रहा। लोग बढ़-चढ़कर यज्ञ अनुष्ठान में हिस्सा ले रहे है व काली मंदिर में दर्शन-पूजन कर मां काली से सुख, समृद्धि की मंगल कामना कर रहे है।


रिपोर्ट : धनेश पाण्डेय

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