बैरिया में धड़ल्ले से संचालित हो रहे अवैध नर्सिंग होम व पैथोलॉजी, डीएम, सीएमओ की दिया शिकायती पत्र
बलिया । आम जनता के स्वास्थ्य के प्रति सचेत उप्र सरकार ने नर्सिंग होम और पैथोलॉजी लैब को सही रुप से कार्य करने के लिए कानून के दायरे में लाने के लिए सरकार ने नर्सिंग होम एक्ट बनाया जिससे आम जन मानस का सही से ईलाज हो सकें लेकिन यह एक्ट सिर्फ कागजों की फाईलों में दम घोंट रहा हैं।या बैरिया तहसील क्षेत्र में स्वास्थ्य विभाग की लापरवाही का आलम यह है कि यहां किसी झोला छाप डॉक्टर के पास दस पास युवा छ: महीने सुई देने और बैंडेज बांधनें की प्रैक्टिस करके दूर दराज चट्टी चौराहे पर अपनी डिस्पेंसरी चलाने लग रहा हैं और यहीं हाल पैथेलाजी लैब चलाने वालों का हैं जिस स्वास्थ्य विभाग के पास एक्ट का पालन करवाने की जिम्मेदारी है वहीं विभाग के मिलीभगत से जानबूझकर लापरवाही बरती जा रही हैं क्योंकि जितने ही क्षेत्र में अवैध नर्सिंग होम और अवैध पैथेलाजी लैब चलेंगे उतना ही स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों के पास अवैध वसूली पहुंचेगी।
एक आंकड़े के मुताबिक सिर्फ बैरिया तहसील क्षेत्र में तीन दर्जनों से अधिक पैथोलॉजी लैब है। इसमें से मात्र एक या दो को ही सीएमओ आफिस ने लाइसेंस जारी किया है। बाकी पैथोलॉजी रजिस्ट्रेशन कराना मुनासिब नहीं समझ रहे है। सवाल यह भी है कि आखिर एक्ट का उल्लंघन होने पर भी पैथोलॉजी जांच केन्द्र पर कार्रवाई क्यों नहीं की जा सकी है ? क्या अधिकारियों की मिलीभगत का कारण ?
बैरिया तहसील क्षेत्र में एक चौंकाने वाला मामला सामने आया हैं बैरिया तहसील स्थित मां अम्बे अल्ट्रासाउण्ड एण्ड डायग्नोसिटक सेन्टर के यहाँ स्थानीय निवासी करण सिंह ने अपने परिजन का ब्लड ग्रुप की जांच करवाया तो पैथेलाजी ने अपने रिपोर्ट में उस पेसेंट का ब्लड ग्रुप बी पाजिटीव बतलाया जिसके आधार पर उस मरीज को 25 अगस्त को लखनऊ में भर्ती कराया गया जब ब्लड चढ़ाने की प्रक्रिया शुरू की गई तो वहां पर दुबारा उनकी मॉ उर्मिला देवी का ब्लड ग्रुप की जाँच कराने पर ब्लड ग्रुप बी पाजिटीव न होकर एबी पाजिटीव निकला जिनकी पुष्टी वहाँ के दो लैब लाल पैथ लैब,लखनऊ व सुकृति पैथ लैब लखनऊ ने की हैं। ब्लड ग्रुप एबी पाजिटीव होने के कारण ब्लड चढ़ाने की प्रक्रिया रोकनी पड़ी लेकिन बेहतर जांच करने का दावा करने वाले इन पैथोलॉजी सेंटर्स की जांच रिपोर्ट के आधार पर मरीजों का इलाज आगे बढ़ाना खतरनाक साबित हो सकता है। मरीज के परिजन करण सिंह ने मां अम्बे पैथोलॉजी के खिलाफ डीएम, सीएमओ सहित सभी लोगों से जांचकर कार्यवाही की लिखित मांग किया। जांचकर्ताओं ने जब पैथोलॉजी पर नकेल कसना शुरू किया तब जांच को प्रभावित करने के लिए पैथोलॉजी के संचालक ने तरह तरह के प्रलोभन देकर करण सिंह पर दबाव बनाने लगा लेकिन सब तरह से विफल हो गया तो अपने महिला सहयोगी से छेड़खानी का तहरीर बैरिया थाना में दिया जिसकी जांच बैरिया चौकी प्रभारी अरुण सिंह को मिली। चौकी प्रभारी ने इसकी गहनता से जांच किया जिसके बाद छेड़खानी का तहरीर फर्जी पाया गया और उस महिला से चौकी में सुलह समझौता कराकर मामले को समाप्त कर दिया गया।
जहां-तहां चल रहे इन पैथोलॉजी सेंटर्स की जांच रिपोर्ट गलत साबित होती है। खुद कई डॉक्टर्स मरीजों द्वारा कराई जाने वाली पैथोलॉजी सबंधी जांच रिपोर्ट से असमंजस में पड़ जाते हैं। हैरानी की बात ये है कि धड़ल्ले से आंखों में धूलझोंक रहे इन पैथोलॉजी सेंटर्स का सच सबको पता है बावजूद इसके स्वास्थ्य महकमा आंखें बंद कर चुप्पी साधे हुए हैं।
By- Dhiraj Singh
No comments